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24 जनवरी 2011

अक्षरों की कलाकारी(टाइपोग्राफी) में करिअर

किसी बोरिंग क्लास में टाइम पास करने के लिए कागज पर कुछ भी लिखने का तरीका तो आप भी आजमा ही चुके हैं। साथ ही, यह भी जानते ही हैं कि ऐसा करते हुए अधिकतर हम अपना नाम ही लिखते हैं, अलग-अलग तरीकों से, अलग-अलग स्टाइल से। गंभीरता से विचार करें तो यह ढेर सारा पैसा कमाने का एक जरिया भी बन सकता है। यदि आपके पास भी खूबसूरत और नए-नए तरीकों से लिखने का कलात्मक हुनर है तो टाइपोग्राफी या फॉन्ट डिजाइनर आपके करियर के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

क्या है टाइपोग्राफी
टाइपोग्राफी फॉन्ट, स्पेस, लाइन्स आदि के हिसाब से स्क्रिप्ट की अलग-अलग और खूबसूरत डिजाइन तैयार करने की कला है। इसी डिजाइन के आधार पर पोस्टर, अखबार आदि तैयार किए जाते हैं।

करियर का विकल्प

पूरे भारत में 300 से भी ज्यादा बोलियां बोली जाती हैं और इसके चलते फॉन्ट डिजाइनर्स के लिए भरपूर संभावनाएं हैं। इतना ही नहीं, अब तो प्रादेशिक भाषाओं के फॉन्ट भी मीडिया में प्रवेश पा रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में इनकी मांग में और वृद्धि होगी। 

कोर्स 
देश भर में डिजाइन स्कूलों में जो कोर्स चलाए जाते हैं, उन सब में टाइपोग्राफी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें छात्रों को अलग-अलग फॉन्ट्स के विकास और उनके उपयोग के बारे में बताया जाता है। ये कोर्स ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर उपलब्ध हैं। 

शैक्षिक योग्यता 
डिजाइन के ग्रेजुएशन स्तर के कोर्स के लिए किसी भी स्ट्रीम में बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसके बाद आपको संबद्ध संस्था द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा में शरीक होना होगा। पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के लिए स्नातक की डिग्री अनिवार्य है। 

व्यक्तिगत योग्यता 
एक फॉन्ट डिजाइनर के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण अक्षर होते हैं और उसे उन्हीं के साथ खेलना होता है। यह काफी धर्य का काम है, क्योंकि एक ही चीज को बार-बार करना होता है। कंप्यूटर प्रोग्राम्स का ज्ञान जरूरी है, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कलात्मक प्रवृत्ति। 

काम का स्वरूप

हर फॉन्ट डिजाइनर का काम कागज पर की गई एक ड्रॉइंग से शुरू होता है, जिसे वह कंप्यूटर पर टाइपफेस में विकसित करता है। उसके लिए सबसे आवश्यक होता है अक्षरों का ज्ञान, क्योंकि वह अक्षर को ही एक सॉफ्टवेयर की तरह इस्तेमाल करता है और खूबसूरत डिजाइन्स तैयार करता है। 

नौकरी की संभावनाएं 
फॉन्ट डिजाइनर अखबार, एडवर्टाइजिंग एजेंसी की क्रिएटिव शाखाओं और ग्राफिक डिजाइनर्स के साथ काम करते हैं। डिजाइन स्टूडियो में भी उनके लिए रोजगार के अवसर हो सकते हैं। आप चाहें तो स्वतंत्र रूप से भी यह काम कर सकते हैं। 

पारिश्रमिक 
एक कलाकार की तरह फॉन्ट डिजाइनर की कमाई भी निश्चित नहीं होती। फ्रीलांस काम करने वाले पेशेवर लोग ३क्क्क्क् रुपए मासिक तक कमा सकते हैं, जिसमें अनुभव के साथ लगातार वृद्धि होती है। 

शिक्षण संस्थान

*नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पाल्दी, अहमदाबाद, गुजरात, फोन : 079-26623692, www.nid.edu

*देल्ही कॉलेज ऑफ आर्ट, 20-22, तिलक मार्ग, नई दिल्ली-110001, फोन : 011-23383612, www.colart.delhigovt.nic.in

*इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुंबई, पवई, मुंबई - 400076, फोन: 022-25767801, www.idc.iitb.ac.in

*इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली, हौज खास, नई दिल्ली-110016, फोन: 011-26582037, www.iitd.ac.in

*सिम्बॉयसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, 231/4ए, विमान नगर, पुणो-411014, फोन: 020-26634546, www.symbiosisdesign.ac.in(बिजनेस भास्कर,दिल्ली,19.1.11)

1 टिप्पणी:

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