संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्कृत कालेजों से प्राइवेट परीक्षा की सुविधा छिनने जा रही है। अब विश्वविद्यालय स्वयं प्राइवेट परीक्षाएं संचालित कराने पर विचार कर रहा है। फार्म वितरण एवं परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय के अतिरिक्त जनपदों में नोडल केंद्र बनाए जाएंगे। कुलपति ने अगले सत्र से यह व्यवस्था लागू होने की संभावना जताई है।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने कई दशक पहले कामकाजी और नौकरी पेशा से जुड़े लोगों के लिए संबद्ध कालेजों में प्राइवेट परीक्षा की सुविधा शुरू की थी। महाविद्यालयों की शिथिलता और लापरवाही को देखते हुए कुलपति प्रो. वी. कुटुंब शास्त्री ने यह व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई है। इसके लिए अधिकारियों से विचार-विमर्श कर प्रारूप तैयार किया जा रहा है। कुलपति ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत फार्म वितरण, अग्रसारण एवं परीक्षा आयोजित कराने के लिए प्रत्येक जनपद के कुछ कालेजों को नोडल केंद्र बनाया जाएगा। इस व्यवस्था की कमान सीधे विश्वविद्यालय के हाथ में होगी। इसके अलावा परीक्षार्थी सीधे विश्वविद्यालय से भी फार्म खरीद और भर सकेंगे। इन आवेदकों की परीक्षा विश्वविद्यालय परिसर में ही होगी। कुलपति का कहना है कि दीक्षांत समारोह एवं परीक्षाफल प्रकाशन के बाद इस दिशा में तेजी से कार्य शुरू कर दिया जाएगा(अमर उजाला,वाराणसी,23.1.11)।
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