बीएमसी का स्कूल कोलाबा में हो या माहिम में, डोंगरी में हो या अंधेरी में, कोई फर्क नहीं पड़ता! बीएमसी के 24 स्कूलों में एकसाथ एक विषय पर छात्रों के संग संवाद किया जा सकेगा। संवाद करने वाला कोई विशेषज्ञ भी हो सकता है या फिर शिक्षक! छात्र उनसे अपने सवाल भी कर सकेंगे। इस व्यवस्था का नाम है 'वर्च्युअल क्लासरूम'। एकसाथ 24 स्कूलों को बेहतरीन शिक्षकों से ज्ञान उपलब्ध कराने के लिए शिवसेना के कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस योजना का प्रस्ताव रखा था, जो सोमवार को साकार की गई। अंधेरी स्थित वॅल्युएबल ग्रुप और एमएमआरडीए के साझा प्रयास से इन स्कूलों में यह तकनीक उपलब्ध कराई गई है। एलसीडी और वेबकैम द्वारा ये स्कूल अंधेरी के स्टुडियों में बैठे शिक्षक से संवाद कर सकेंगे।
उद्धव ने बताया कि एक ही बारी में सभी बीएमसी स्कूलों को अच्छे शिक्षकों का मार्गदर्शन मिलने पर बीएमसी स्कूलों का स्तर बढ़ेगा। किसी पाठ के लेखक या कविता के कवि से सीखने, समझने का छात्रों को मौका मिलेगा। ठाकरे ने इसी व्यवस्था के तहत सोमवार को 24 स्कूलों के छात्रों से संवाद कर के योजना का उद्घाटन किया। उन्होंने छात्रों से कहा वे वर्च्युअल क्लासरूम से लाभ उठाएं और दसवीं की परीक्षा में बेहतरीन रिजल्ट लाएं। साथ ही, परीक्षा को वर्ल्ड कप समझकर जीते। परीक्षा से घबराएं या डरें नहीं। बहरहाल, वर्च्युअल क्लासरूम के प्रयास से शिक्षा क्षेत्र के जानकार प्रसन्न हैं। उन्हें लगता है कि बीएमसी के छात्रों को इस तरह के प्रयासों से निजी स्कूलों से स्पर्धा करने योग्य बनाया जा सकेगा(नवभारत टाइम्स,मुंबई,25.1.11)।
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