पंजाब विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए आने वाले नए स्टूडेंट इस बार अपने सीनियर्स को कमाई का मौका देंगे। स्टूडेंट्स को रैगिंग और हिंसा से दूर रखने के लिए पीयू प्रशासन कई कदम उठाने जा रहा है।
इसकी शुरुआत कैम्पस में नए आने वाले स्टूडेंट्स को सही गाइडेंस देने से होगी। और यह गाइडेंस देंगे पीयू के मौजूदा स्टूडेंट। इसके लिए पीयू प्रशासन उन्हें रोजाना 200 रुपये का भुगतान भी करेगा। इस काम के लिए सेशन शुरू होने से पहले सीनियर स्टूडेंट्स से आवेदन मांगे जाएंगे।
करना होगा आवेदन
हर साल कैम्पस में नए स्टूडेंट्स के लिए हेल्प डेस्क लगते हैं। इनमें से ज्यादातर डेस्क छात्र संगठनों की ओर से लगाए जाते हैं। पीयू प्रशासन भी हेल्प डेस्क लगाता है। लेकिन, इस बार टीचरों के साथ-साथ यूनिवर्सिटी के सीनियर स्टूडेंट्स नए मेहमानों की हेल्प के लिए मोर्चा संभालेंगे। इस काम के लिए यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर या पुराने स्टूडेंट्स की मदद ली जाएगी। इच्छुक स्टूडेंट्स के आवेदन आने के बाद चयन किया जाएगा। चुने गए स्टूडेंट्स को हेल्प डेस्क संभालने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। एडमिशन शुरू होते ही यह सीनियर स्टूडेंट टीचरों के साथ हेल्प डेस्क संभालेंगे।
पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. आरसी सोबती कहते हैं कि कैम्पस को ‘जीरो टोलरेंस’ बनाने के लिए सीनियर स्टूडेंट्स की मदद लेने जा रही है। इससे सेशन के शुरू में आने वाले नए स्टूडेंट्स को हिंसक घटनाओं या रैगिंग से दूर रहने के बारे में जानकारी दी जाएगी। इन स्टूडेंट्स को फॉर्म भरने से लेकर हॉस्टल लेने तक की जानकारी दी जाएगी(दैनिक भास्कर,31.5.2010 में चंडीगढ़ से अधीर रोहाल की रिपोर्ट)।
इसकी शुरुआत कैम्पस में नए आने वाले स्टूडेंट्स को सही गाइडेंस देने से होगी। और यह गाइडेंस देंगे पीयू के मौजूदा स्टूडेंट। इसके लिए पीयू प्रशासन उन्हें रोजाना 200 रुपये का भुगतान भी करेगा। इस काम के लिए सेशन शुरू होने से पहले सीनियर स्टूडेंट्स से आवेदन मांगे जाएंगे।
करना होगा आवेदन
हर साल कैम्पस में नए स्टूडेंट्स के लिए हेल्प डेस्क लगते हैं। इनमें से ज्यादातर डेस्क छात्र संगठनों की ओर से लगाए जाते हैं। पीयू प्रशासन भी हेल्प डेस्क लगाता है। लेकिन, इस बार टीचरों के साथ-साथ यूनिवर्सिटी के सीनियर स्टूडेंट्स नए मेहमानों की हेल्प के लिए मोर्चा संभालेंगे। इस काम के लिए यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर या पुराने स्टूडेंट्स की मदद ली जाएगी। इच्छुक स्टूडेंट्स के आवेदन आने के बाद चयन किया जाएगा। चुने गए स्टूडेंट्स को हेल्प डेस्क संभालने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। एडमिशन शुरू होते ही यह सीनियर स्टूडेंट टीचरों के साथ हेल्प डेस्क संभालेंगे।
पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. आरसी सोबती कहते हैं कि कैम्पस को ‘जीरो टोलरेंस’ बनाने के लिए सीनियर स्टूडेंट्स की मदद लेने जा रही है। इससे सेशन के शुरू में आने वाले नए स्टूडेंट्स को हिंसक घटनाओं या रैगिंग से दूर रहने के बारे में जानकारी दी जाएगी। इन स्टूडेंट्स को फॉर्म भरने से लेकर हॉस्टल लेने तक की जानकारी दी जाएगी(दैनिक भास्कर,31.5.2010 में चंडीगढ़ से अधीर रोहाल की रिपोर्ट)।
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