रिश्वत लेकर मेडिकल कालेजों को मान्यता देने का मामला सामने आने के बाद बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने सभी मेडिकल कालेजों का डाटाबेस नए सिरे से तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मेडिकल कालेजों को सकरुलर जारी कर 5 जून तक जानकारी मांगी गई है।
मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के एक पदाधिकारी द्वारा हाल ही में रिश्वत लेकर मान्यता देने का मामला उजागर हुआ था। इसे देखते हुए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने सभी मेडिकल कालेजों का डाटाबेस तैयार करने का फैसला लिया है। एमसीआई ने देश के सभी 236 मेडिकल कालेजों को सकरुलर जारी कर नए सिरे से कालेजों की सम्पूर्ण जानकारी मांगी है।
सकरुलर में मेडिकल कालेजों के रजिस्ट्रेशन से लेकर अस्पताल व कालेज का क्षेत्रफल, यहां बिस्तरों की संख्या, स्टाफ व डाक्टरों की संख्या, आउटडोर व इनडोर आने वाले मरीजों की संख्या, मरीजों के लिए इलाज व जांच में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों की संख्या, अपग्रेड मेडिकल प्रोग्राम, अपग्रेड फक्शनल प्रोग्राम सहित 36 बिंदुओं में जवाब भेजने के लिए कहा गया है।
मेडिकल कालेजों से 5 जून की शाम 5 बजे तक चाही गई जानकारियां अनिवार्य रूप से मांगी गई है। इधर, मेडिकल कालेजों का इस तरह का सकरुलर भेजने से कई कालेज प्रबंधन सकते में है। इससे डाटाबेस से रिश्वत देकर मान्यता लेने वाले चिकित्सा शिक्षा संस्थानों का पोल खुलने की उम्मीद है। एमसीआई बोर्ड आफ गवर्नर्स के अधीन काम करता है(दैनिक भास्कर,31.5.2010)।
मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के एक पदाधिकारी द्वारा हाल ही में रिश्वत लेकर मान्यता देने का मामला उजागर हुआ था। इसे देखते हुए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने सभी मेडिकल कालेजों का डाटाबेस तैयार करने का फैसला लिया है। एमसीआई ने देश के सभी 236 मेडिकल कालेजों को सकरुलर जारी कर नए सिरे से कालेजों की सम्पूर्ण जानकारी मांगी है।
सकरुलर में मेडिकल कालेजों के रजिस्ट्रेशन से लेकर अस्पताल व कालेज का क्षेत्रफल, यहां बिस्तरों की संख्या, स्टाफ व डाक्टरों की संख्या, आउटडोर व इनडोर आने वाले मरीजों की संख्या, मरीजों के लिए इलाज व जांच में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों की संख्या, अपग्रेड मेडिकल प्रोग्राम, अपग्रेड फक्शनल प्रोग्राम सहित 36 बिंदुओं में जवाब भेजने के लिए कहा गया है।
मेडिकल कालेजों से 5 जून की शाम 5 बजे तक चाही गई जानकारियां अनिवार्य रूप से मांगी गई है। इधर, मेडिकल कालेजों का इस तरह का सकरुलर भेजने से कई कालेज प्रबंधन सकते में है। इससे डाटाबेस से रिश्वत देकर मान्यता लेने वाले चिकित्सा शिक्षा संस्थानों का पोल खुलने की उम्मीद है। एमसीआई बोर्ड आफ गवर्नर्स के अधीन काम करता है(दैनिक भास्कर,31.5.2010)।
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