सैन्य भर्तियों में दलालों की मिलीभगत के आरोपों को विराम देने के लिए सेना पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी करने जा रही है। अब हर भर्ती में खुफिया कैमरे प्रयोग होंगे। यह भर्ती स्थल की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। वहां ड्यूटी पर तैनात अफसर और सैनिक विशेष साफ्टवेयर से संचालित कैमरों में कैद होगा। पश्चिमी यूपी में हुई थल सेना भर्ती कार्यालय में इसका सफलतापूर्वक ट्रायल हो चुका है। अब इसे देशभर में इस्तेमाल किया जाएगा। सेना की भर्ती प्रक्रिया पर पारदर्शिता न होने के आरोप लगते रहे हैं। कई सैन्य अधिकारी भी दलालों के साथ संबंधों को लेकर विवाद में रहे हैं। ऐसे में सेना भर्ती निदेशालय ने पूरी प्रक्रिया को आनलाइन करते हुए वीडियो रिकार्ड रखने का फैसला लिया। निदेशालय ने तीन माह में पश्चिमी यूपी के जिलों की हुई भर्ती में कैमरा प्रणाली का ट्रायल लिया। इसके परिणाम खरे रहे। एचसीएल के सहयोग से सेना ने हाई रेजुलेशन और कई तरह के लैंस वाले कैमरों वाली साफ्टवेयर संचालित प्रणाली का सफलता पूर्वक कार्य किया(दैनिक जागरण,लखनऊ,29.5.2010)।
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