मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

31 मई 2010

एक नज़र दिल्ली विश्वविद्यालय के तीनों नए कोर्स पर

इस बार तीन नये कोर्स दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में शुरू हुए हैं। इनमें पीजी डिप्लोमा के रूप में पहला हैल्थ एंड सोशल जेरन्टोलॉजी और दूसरा एमएससी इंटिग्रेटेड इन अर्थसाइंस है। इसके अलावा पीजी डिप्लोमा के रूप में नैनोटेक्नोलॉजी का कोर्स है। तीनों कोर्स साइंस के छात्रों के लिए हैं और करियर के नए आयाम स्थापित करने में सक्षम हैं। इनमें दाखिले की प्रक्रिया शुरू है।

जेरन्टोलॉजी में पीजी डिप्लोमा

इंस्टीट्यूट ऑफ होम इकोनॉमिक्स अपने यहां पहली बार पीजी डिप्लोमा इन हैल्थ एंड सोशल जेरन्टोलॉजी का कोर्स शुरू किया है। बुजुर्गों की देखभाल एक बड़ी समस्या के रूप उभर कर सामने आ रही है। सामाजिक संरचना में बदलाव के कारण आज महानगरों और बड़े शहरों में ऐसे बुजुर्गों की देखभाल की खासी जरूरत है। इन बुजुर्गों का ख्याल करते हुए ही आज शहरों में रिक्रिएशन सेंटर खोले जा रहे हैं। अस्पताल और आशियाने बनाए जा रहे हैं, जहां इनकी सेहत का ख्याल करते हुए उचित परिवेश दिया जा सके। कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. सीमा पुरी के मुताबिक इन जगहों पर ऐसे प्रोफेशनल्स की तलाश रहती है, जो सही तरीके से देखभाल कर सकें। हैल्थ एंड सोशल जेरन्टोलॉजी यानी जराविज्ञान का कोर्स इन जरूरतों के हिसाब से छात्रों को तैयार करेगा। इसमें पूरे साल में दो सेमेस्टर के अंदर छात्रों को दस पेपर पढ़ने होंगे।

दाखिला और करियर

छात्र स्नातक परीक्षा समाजविज्ञान, होम साइंस या साइंस में 50 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण हों। इसके अलावा इस कोर्स में प्रोफेशनल डिग्री धारकों को भी दाखिले का मौका मिलेगा, जिन्होंने फिजियोथेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी या नर्सिग में 50 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद मेरिट के आधार पर 25 सीटों पर छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। कोर्स करने वाले छात्र बुजुर्गों पर कराई जा रही रिसर्च में भाग ले सकते हैं या उनके लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर होने वाले ट्रेनिंग, वेलफेयर प्रोग्राम और सर्विस में काम कर सकते हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के एनजीओ और कम्युनिटी आधारित ऑर्गेनाइजेशन से आप जुड़ सकते हैं।

एमएससी इंटीग्रेटेड इन अर्थ साइंस

नये कोर्स के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय में इस बार स्नातक स्तर पर छात्रों को इंटीग्रेटेड कोर्स में दाखिला पाने का मौका मिलेगा। इस कड़ी में यहां भूगर्भ विभाग में पांच वर्षीय कोर्स एमएससी इंटीग्रेटेड इन अर्थ साइंस शुरू किया गया है। छात्र यहां 12वीं के बाद ही प्रवेश पा सकते हैं। आईआईटी जेईई में बैठने वाले छात्रों को मेरिट के हिसाब से यहां दाखिला दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर सीटें बची रहती हैं तो 12वीं बोर्ड परीक्षा में न्यूनतम 70 फीसदी अंक हासिल करने वाले छात्रों को भी मेरिट के आधार पर दाखिला दिया जाएगा। प्रो. दुबे के मुताबिक कोर्स में 25 सीटें हैं। कोर्स पूरा करने पर बीएससी और एमएससी, दोनों डिग्री इसके तहत मिलेंगी। कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। यह कोर्स मुख्य तौर पर चार पार्ट का कॉम्बीनेशन है, जिसमें जियोलॉजी, मरीन साइंस, जियोफिजिक्स और मौसम विज्ञान है। इसमें छात्रों को पांच साल के अंदर दस सेमेस्टर पास करने होंगे, छह सेमेस्टर स्नातक स्तर पर और चार स्नातकोत्तर स्तर पर।

पीजी डिप्लोमा इन नैनोटेक्नोलॉजी

मैत्रेयी कॉलेज में शुरू हुए इस कोर्स में दाखिला उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जो स्नातक साइंस से पास हों और कम से कम 50 फीसदी अंक हों। बीटेक डिग्री धारक छात्र भी इसमें आवेदन कर सकते हैं। जिन लोगों ने स्नातक में आखिरी वर्ष की परीक्षा दी है, वे भी चाहें तो आवेदन कर सकते हैं। दाखिले के लिए एक एप्टीटय़ूड टैस्ट देना होगा। इस कोर्स में 30 सीटें हैं। कॉलेज प्रशासन इस कोर्स में लड़के-लड़कियों, दोनों को पढ़ने का मौका देगा। इच्छुक छात्र कॉलेज की वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करके आवेदन कर सकते हैं। यह कॉलेज में 21 जून तक पहुंच जाना चाहिए। 30 जून को प्रवेश परीक्षा है(हिंदुस्तान,दिल्ली,25.5.2010)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।