कंप्यूटर साइंस में अंग्रेजी, गणित और दो इलेक्टिव के आधार पर बेस्ट ऑफ फोर निकाला जाता है। प्रमुख बात ध्यान रखने की है कि डीयू के लिए अतिरिक्त विषय नहीं होते हैं। आपने जिन विषय की पढ़ाई की है तो उसे बेस्ट ऑफ फोर की सूची में शामिल किया जाता है
अगर आप वोकेशनल विषय शामिल नहीं कर रहे हैं तो बेहतर है। अगर आप उसे बेस्ट ऑफ फोर में शामिल कर रहे हैं तो कुछ कॉलेज उसके नंबर कम कर सकते हैं। ऐसे में इस बात का ध्यान रखें-
अगर कोई विषय जिसे आपने पाठय़क्रम के दौरान पढ़ा है लेकिन जिस विषय में आप दाखिला लेने जा रहे हैं वह उससे संबद्ध नहीं है तो कॉलेज उसे हटा सकता हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आपने इकोनॉमिक्स पढ़ी है और आप चाहते हैं कि ज्योग्राफी में दाखिले के दौरान बेस्ट ऑफ फोर में शामिल किया जाए लेकिन यह कॉलेज पर है कि वह इसे मानें या नहीं। कॉलेज अपनी एडमिशन कमेटी के द्वारा कई डिग्री कोर्स में कुछ विषय छोड़ सकता है। इसलिए दाखिले से पहले कॉलेज की बेवसाइट को जरूर जांच ले।
कंपार्टमेंट
कंपार्टमेंट वाले छात्रों के मन में एक बड़ी समस्या होती है कि उनके बेस्ट ऑफ फोर का आकलन किस तरह किया जाएगा। एक सीधा सा फॉमूर्ला ध्यान रखें कि आपकी जिस विषय में कंपार्टमेंट आई है उसमें पासिंग अंक जोड़ ले। उदाहरण के लिए आपने बारहवीं में इकोनॉमिक्स विषय लिया है तो बेस्ट ऑफ फोर का आकलन करने के लिए आप उसमें 33 अंक जोड़ ले।
किसी विषय में फेल होने पर
अगर कोई छात्र किसी विषय में फेल है तो उस स्थिति में क्या उसे दाखिला मिल सकता है। उदाहरण के तौर पर एक छात्र के बारहवीं में अंग्रेजी, भौतिकी, केमेस्ट्री, इंजीनियरिंग ड्राइंग, फिजिकल एजुकेशन, मैथ में क्रमश: 79,57,50,91,76 और 18 है। वह गणित में अनुत्तीर्ण है। क्या उसे डीयू में दाखिला मिल सकता है। जबकि उसका बेस्ट ऑफ फोर 76 प्रतिशत है। डीयू के कुछ कोर्स में उसे दाखिला मिल सकता है। फिलहाल उसे कॉमन प्री एडमिशन फॉर्म में सभी कोर्स में आवेदन करना चाहिए। साइंस के कोर्स में दाखिला मिलना मुश्किल होगा(हिंदुस्तान,दिल्ली,31.5.2010)।
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