आखिरी पलों की अनिश्चितताएं और उनसे उपजी गड़बड़ियां टालने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू)ने फैसला किया है कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र से किसी भी परीक्षा केंद्र में जाने वाले स्टूडेंट्स की सूची यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर डाल दी जाएगी और उसे समय-समय पर अपडेट भी किया जाएगा। हरेक सेंटर सुरपरिंटेंडेंट को एक पासवर्ड दिया जाएगा ताकि उन परीक्षार्थियों की पहचान जांची जा सके।
पीयू के इग्जैमिनेशन कंट्रोलर ए.के. भंडारी ने कहा,'सेंटर सुपरिंटेंडेंट्स के पास परीक्षार्थियों की कुल संख्या के बारे में पता न होना ऐसी घटनाओं की सबसे बड़ी वजह है। कभी -कभी अधिकारियों को आखिरी पलों में भी फेरबदल करना पड़ता है, क्योंकि विद्यार्थियों को आखिरी क्षणों में ही रोल नंबर मिलते हैं। कभी-कभी विद्यार्थी इग्जैमिनेशन सेंटर में बदलाव की अर्जी देते हैं। उस वजह से भी उलझन और अनिश्चितता पैदा होती है।' उन्होंने कहा कि अब से किसी खास परीक्षा में किसी खास सेंटर के परीक्षार्थियों की सूची यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर डाल दी जाएगी। यह सेंटर सुपरिंटेंडेंट्स की जिम्मेदारी होगी कि इग्जैमिनेशन के वक्त लिस्ट चेक करें।
गौरतलब है कि पीयू के अधिकारी इस साल तब विवाद में पड़ गए थे जब लॉ के दो छात्रों को 2009 की उस परीक्षा में पास घोषित कर दिया गया था, जबकि वह वैसी किसी परीक्षा में बैठे ही नहीं थे। बाद में पता चला कि वे मुक्तसर में पीयू अधिकारियों की इजाजत के बगैर परीक्षा में शामिल हो गए थे(नवभारत टाइम्स,चंडीगढ़,24 मई,2010)।
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