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01 जून 2010

राजस्थान में 956 अनार्थिक स्कूल होंगे मर्ज

राजस्थान में प्रारंभिक शिक्षा से जुडे 956 अनार्थिक विद्यालयों को अन्य स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। इस आशय के आदेश प्रारंभिक शिक्षा के उपशासन सचिव (आयोजना) ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को दिए हैं। इनमें 33 उच्च प्राथमिक विद्यालय ऎसे हैं जिनमें कक्षा छह से आठ तक छात्र संख्या बीस से कम है। इसी तरह 923 प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक से पांच तक में भी छात्रों की संख्या बीस से कम है।

इन विद्यालयों को सत्र 2010-11 में अन्य स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। अनार्थिक स्कूलों की सर्वाधिक संख्या नागौर जिले में है। यहां के 121 विद्यालय मर्ज होंगे। इन सभी स्कूलों के शिक्षकों एवं अन्य कार्मिकों को उसी जिले में विभाग के रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अनार्थिक स्कूलों की सूचियां भिजवाई हैं।

जिलावार अनार्थिक विद्यालय

नागौर के एक सौ इक्कीस, सीकर के छियत्तर, श्रीगंगानगर के छियत्तर, टोंक के उनसठ, भीलवाडा के अडतालीस, बूंदी के पैंतालीस, राजसमंद के चवालीस, पाली के बयालीस, सवाईमाधोपुर के तेरह, करौली के पंद्रह, अजमेर के ग्यारह, भरतपुर के ग्यारह, चूरू के नौ, हनुमानगढ के तेरह, दौसा के बीस, जालौर के चालीस, जोधपुर के उन्नीस, उदयपुर के अठ्ठाईस, झुंझुनूं के साठ, बीकानेर के दस, जयपुर के सात, अलवर के छत्तीस, सिरोही के इकत्तीस, बाडमेर के उन्नीस, जैसलमेर के नौ, कोटा के दस, झालावाड के दस, बारां के पांच, धौलपुर के सात, डूंगरपुर के चौदह, प्रतापगढ के तीन, चित्तौडगढ के चालीस, बांसवाडा के पांच प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूल मर्ज होंगे(राजस्थान पत्रिका,बीकानेर,1 जून,2010)।

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