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01 जून 2010

भीलवाड़ा सेंट्रल कॉपरेटिव बैंककर्मियों की सेवानिवृत्ति पर रोक

राजस्थान उच्च न्यायालय ने भीलवाडा सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु साठ से घटाकर 58 वर्ष करने के फैसले पर रोक लगा दी है।

उच्च न्यायालय के अवकाशकालीन न्यायाधीश संगीत लोढा ने बैंक के छह कर्मचारियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सोमवार को इन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आदेश पर रोक लगाते हुए सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता रजिस्ट्रार, अजमेर स्थित विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार व बैंक के प्रबन्ध निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

बैैंक कर्मी जयदेव देवपुरा व लक्ष्मीलाल गांधी सहित छह बैंक कर्मियों ने अधिवक्ता सचिन आचार्य के जरिए याचिका दायर कर कहा कि बैंक के निदेशक मण्डल ने गत 25 मई को बैंक कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से घटाकर 58 वर्ष कर दी। इसकी अनुपालना में पांच कर्मचारियों को गत 27 मई को सेवानिवृत्ति आदेश भी थमा दिए गए, जबकि देवपुरा को सोमवार को सेवानिवृत्त किया जाना था।

आचार्य ने बहस करते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति आयु घटाने का मुद्दा निदेशक मण्डल की बैठक के एजेंडे में भी नहीं था। फिर भी निदेशक मण्डल के चेयरमैन ने यह प्रस्ताव पेश किया। इस पर बैंक के प्रबन्ध निदेशक ने यह कहते हुए आपत्ति भी जताई कि सहकारिता रजिस्ट्रार ने 17 सितम्बर 2009 को सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढाकर 60 वर्ष करने का आदेश जारी किया था। आचार्य ने तर्क दिया कि निदेशक मण्डल को कर्मचारियों के सेवा नियमों में परिवर्तन करने का अधिकार नहीं है। ऎसा कोई भी बदलाव सिर्फ सहकारिता रजिस्ट्रार के आदेश से ही हो सकता है।

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि बैंक की आर्थिक स्थिति भी ठीक है। पिछले तीन वित्तीय वर्षो में बैंक ने लाभ कमाया है। ऎसे में इन कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करने से बैंक पर कोई असर नहीं पडने वाला। वैसे भी बैंक में 22 बैंकिंग सहायकों व चार अधिकारियों के पद खाली है।

न्यायाधीश लोढा ने याचिका स्वीकार करते हुए बैंक निदेशक मण्डल के फैसले पर अन्तरिम रोक लगाते हुए बैंक कर्मियों को 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त न करने के निर्देश दिए हैं(राजस्थान पत्रिका,जोधपुर,1 जून,2010)।

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