दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में नामांकन के लिए आज से आवेदन फॉर्म मिलने शुरू हो गए। ओपन लर्निग सिस्टम के जरिए पढ़ाई के लिए डीयू पहुंचने वाले करीब एक लाख छात्रों को इस बार फीस के तौर पर 700 रुपए अतिरिक्त का भुगतान करना होगा। इसमें तीन सौ रुपए परीक्षा शुल्क के तौर पर बढ़ाए गए हैं, जबकि चार सौ रुपए की बढ़ोत्तरी छात्रों को स्टूडेंट्स सपोर्ट सर्विस, पर्सनल कंटेक्ट प्रोग्राम व लाइब्रेरी सुविधा के लिए की जा रही है। एसओएल स्टॉफ काउंसिल के सचिव डॉ. तपन बिसवाल ने बताया कि बीते साल तक ग्रेजुएशन में दाखिले के इच्छुक प्रथम वर्ष के छात्रों से 2430 रुपए फीस के तौर पर वसूले गए थे, जो इस बार बढ़कर 3,130 रुपए पहुंच गई है। अधिकतम फीस 3,530 रुपए बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए ली जा रही है।
40 फीसदी अंकों की शैक्षणिक योग्यता नहीं स्वीकार
एसओएल से ग्रेजुएशन के इच्छुक छात्रों के लिए पास कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं में 40 फीसदी अंकों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता लागू किए जाने के खिलाफ शिक्षक बिरादरी में रोष है। एकेडमिक काउंसिल के सदस्य डॉ. श्रीप्रकाश सिंह ने बताया कि बिना अकेडमिक व एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मंजूरी के लागू इस व्यवस्था को विवि शिक्षक छात्र विरोधी करार दे रहे हैं। एकेडमिक काउंसिल सदस्य डॉ. जे खूंटिया ने बताया कि देश में जहां-जहां दूरस्थ शिक्षा का इंतजाम है, छात्रों को पास प्रतिशत अंक चाहिए होते हैं। चाहे व इग्नू हो या कोई और विवि। ऐसे में डीयू अपनी चाल अलग कैसे कर सकता है। इस बाबत शिकायत भरा एक पत्र कुलपति व राष्ट्रपति को लिखा गया है। अगले एक सप्ताह के भीतर यदि इस अनिवार्यता को वापस नहीं लिया गया तो शिक्षक धरना-प्रदर्शन करेंगे(दैनिक भास्कर,दिल्ली,5 जून,2010 )।
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