दिल्ली विश्वविद्यालय में रेगुलर कोर्स जैसे बीकॉम, बीए के लिए छात्र की भीड़ तो हमेशा से ही देखी गई है पर पिछले कुछ सालों में लीग से हट कर कोर्स में छात्रों की रुचि और महत्व तेजी से बढ़ा है। ऐसे ही लीग से हट कर हैं बीएड स्पेशल एजुकेशन और पी.जी. डिप्लोमा इन कास्मेटोलॉजी। जहां बीएड स्पेशल एजुकेशन लेडी इरविन कॉलेज कराता है वहीं पी.जी. डिप्लोमा इन कास्मेटोलॉजी श्यामलाल कॉलेज द्वारा कराया जाता है। अगर छात्र चाहे तो इन कोर्सों को कर रोजगार के नए रास्ते खोल सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय का लेडी इरविन कॉलेज स्पेशल छात्रों को बीएड स्पेशल एजुकेशन कोर्स के जरिए छात्रों को मौका देता है। यह कोर्स रिहेबिलेटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है और दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंद्ध है। बीएड स्पेशल एजुकेशन में दाखिले के लिए छात्र को प्रवेश परीक्षा देनी होगी। कोर्स में कुल सीटें 27 हैं और कोर्स अंग्रेजी में पढ़ाया जाता है। बीएड स्पेशल ऐजुकेशन कोर्स का मकसद उम्मीदवारों को रेगुलर स्कूलों में पढ़ाने के लिए सक्षम बनाना जिससे धीमी गति से समझने वाले छात्रों को तेजी से पढ़ा सके। इतना ही नहीं कोर्स कुछ इस तरह से बनाया गया है की उम्मीदवारों को काम के कई अवसर मिलते हैं। कोर्स करने के बाद उम्मीदवारों स्पेशल एजुकेटर, वोकेशनल एजुकेटर या इंचार्ज भी बन सकते हैं। करियर की दिशा से उम्मीदवारों काउंसलर, टीचर या किसी एनजीओ में काम कर सकतें है। श्यामलाल कॉलेज पी.जी. डिप्लोमा इन कास्मेटोलोजी कराता है। श्यामलाल कॉलेज में पिछले दो वर्ष से पीजी डिप्लोमा इन कास्मेटोलॉजी कराया जा रहा है। एक-वर्षीय यह कोर्स छात्रों की निजी जिंदगी में भी बहुत मदद करता है। कोर्स करने के बाद छात्र आसानी से किसी भी जगह ब्युटीशियन, हेयर स्टाइलिस्ट बन सकते हैं। इस कोर्स की कुछ जरुरतों की वजह से सिर्फ साइंस ग्रेजुएट एवं बीएससी के साथ केमिस्ट्री करने वाले स्टूडेंट्स कर सकते हैं। कॉलेज परिसर में इस कोर्स के लिए केवल 20 सीटें उपलब्ध हैं। इस कोर्स के फार्म 15 जून से 30 जून तक श्यामलाल कॉलेज सेंटर से प्राप्त कर सकेंगे।
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05 जून 2010
बी.एड.स्पेशल एजुकेशन और कॉस्मेटोलॉजी में हैं अच्छे अवसर
(हिंदुस्तान,दिल्ली,5 जून,2010)
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