सेंट्रल यूनिवर्सिटी :
संसद के एक्ट के तहत बनाई गई देश में कुल 41 सेंट्रल यूनिवर्सिटी हैं। ये सभी मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के तहत आती हैं। इन यूनिवर्सिटीज को ज्यादा फंड आवंटित होता है, इसलिए इनमें दूसरी यूनिवर्सिटीज के मुकाबले सुविधाएं भी बेहतर होती हैं। कुछ प्रमुख सेंट्रल यूनिवर्सिटी डीयू, जेएनयू, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और बीएचयू हैं।
स्टेट यूनिवर्सिटी:
राज्यों की विधानसभा एक्ट पारित कर स्टेट यूनिवसिर्टी बनाती हैं। देश में कुल 251 स्टेट यूनिवसिर्टी हैं। इनमें से केवल 123 यूनिवर्सिटीज को ही यूजीसी से बजट मिलता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास और यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई देश की सबसे पुरानी स्टेट यूनिवर्सिटीज हैं।
प्राइवेट यूनिवर्सिटी :
उच्च शिक्षा के ऐसे संस्थान, जिनकी स्थापना राज्य या केंद्र के कानून के तहत किसी स्पॉन्सरिंग बॉडी द्वारा की जाती है, प्राइवेट यूनिवर्सिटी कहलाते हैं। ऐसी यूनिवर्सिटी के पास यूजीसी की मान्यता भी होती है, जिससे इनके द्वारा दी जा रही डिग्रियों को मान्यता मिलती है। पिलानी स्थित बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी एंड साइंस (बिट्स) को इस कैटिगरी में रखा जा सकता है।
डीम्ड यूनिवर्सिटी:
यूनिवर्सिटी के अलावा उच्च शिक्षा से जुड़े दूसरे इंस्टिट्यूट्स को यूजीसी की सलाह पर केंद सरकार डीम्ड यूनिवसिर्टी का दर्जा देती है। अमूमन यह दर्जा पाने के लिए संस्थान में शिक्षा का स्तर बहुत ऊंचा होना जरूरी माना जाता है। इस तरह की यूनिवर्सिटी का स्टेटस बाकी यूनिवर्सिटी की तरह ही होता है, लेकिन इन्हें स्वायत्तता अधिक हासिल होती है। ये न सिर्फ अपना कोर्स और सिलेबस खुद डिजाइन कर सकती हैं, बल्कि एडमिशन और फीस संबंधी अपने नियम भी बना सकती हैं। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ माइंस (धनबाद), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (बेंगलुरु) कुछ जानी-मानी डीम्ड यूनिवर्सिटी हैं।
कैसे बनती हैं डीम्ड यूनिवर्सिटी?
एजुकेशनल इंस्टिट्यूट यूजीसी और एचआरडी मिनिस्ट्री को अप्लाई करता है। डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के लिए यूजीसी ने कुछ मानक तय कर रखे हैं। ऐप्लिकेशन आने पर यूजीसी की एक टीम संबंधित इंस्टिट्यूट का दौरा करती है। मानक पर खरे उतरनेवाले इंस्टिट्यूट को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के लिए यह कमिटी सिफारिश करती है। इसी के आधार पर डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया जाता है।
क्या हैं मानक?
- बहुत अच्छा अकादमिक स्तर
- एप्लिकेशन ओरिएंटेड प्रोग्राम चलाने की क्षमता
- 10 साल से ज्यादा समय से संचालित (कुछ मामलों में इस नियम में छूट दी जा सकती है, ऐसी स्थिति में प्रोविजिनल मान्यता दी जा सकती है। हर पांच साल के बाद इसे यूजीसी द्वारा रिव्यू किया जाता है।)
सावधान-होशियार
-डीम्ड यूनिवर्सिटी सबसे ज्यादा गड़बड़ी दूसरी जगहों पर अपने कैंपस या स्टडी सेंटर खोलने में करती हैं। इसके अलावा बिना इजाजत या मान्यता के नए डिपार्टमेंट भी खोले जाते हैं। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश में करीब 44 डीम्ड यूनिवर्सिटीज की मान्यता रद्द करने का आदेश जनवरी में जारी किया था। बाद में इन यूनिवर्सिटीज के मैनेजमेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इन संस्थानों को आगामी एकेडेमिक सेशन में दाखिले की इजाजत दे दी गई। गौरतलब है कि इन डीम्ड यूनिवर्सिटियों में दो लाख से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं।
यूनिवर्सिटी और डीम्ड यूनिवर्सिटी में फर्क
- संसद और विधानसभाओं के एक्ट द्वारा बनाई गई यूनिवर्सिटी ही दूसरे कॉलेज और इंस्टिट्यूट को कोर्स चलाने के लिए खुद से संबद्ध कर मान्यता दे सकती हैं। डीम्ड यूनिवर्सिटी को मेन कैंपस के अलावा दूसरे किसी कैंपस या संस्थान में कोर्स चलाने की इजाजत नहीं है।
- यूजीसी ने अपनी जांच में पाया है कि कई डीम्ड यूनिवर्सिटी नए डिपार्टमेंट या इंस्टिट्यूट खोलने के लिए यूजीसी को ऐप्लिकेशन फाइल करते ही इस बारे में ऐड देना और एडमिशन लेना शुरू कर देती हैं। भले ही उनकी ऐप्लिकेशन यूजीसी या एचआरडी मिनिस्ट्री से अप्रूव हुई हो या नहीं।
- इसी तरह यूजीसी का नियम है कि डीम्ड यूनिवर्सिटी किसी कॉलेज को मान्यता नहीं दे सकती हैं। लेकिन कई कॉलेज किसी डीम्ड यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त होने का दावा करते हैं।
यूजीसी ने अपनी वेबसाइट पर राज्यवार हर प्रदेश में स्थित डीम्ड यूनिवर्सिटी का विस्तृत ब्यौरा दिया है। उसमें यूनिवर्सिटी का नाम चेक किया जा सकता है।
- डीम्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तमाम जगह स्टूडेंट सेंटर बनाए जा सकते हैं, लेकिन इन सेंटर्स का इस्तेमाल पढ़ाई करने या कोर्स चलाने के लिए नहीं बल्कि स्टूडेंट्स को कोर्स के सिलसिले में सलाह देने और उनकी मदद करने के लिए ही किया जा सकता है।
- डीम्ड यूनिवर्सिटी की पहचान यह है कि इसके नाम के साथ 'डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटी' जरूर लिखा होगा। ऐसी यूनिवर्सिटी अपने नाम के साथ नैशनल या इंडियन शब्द इस्तेमाल नहीं कर सकतीं। यह हक सिर्फ सेंट्रल यूनिवर्सिटी को है।
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,29 मई,2010)
संसद के एक्ट के तहत बनाई गई देश में कुल 41 सेंट्रल यूनिवर्सिटी हैं। ये सभी मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के तहत आती हैं। इन यूनिवर्सिटीज को ज्यादा फंड आवंटित होता है, इसलिए इनमें दूसरी यूनिवर्सिटीज के मुकाबले सुविधाएं भी बेहतर होती हैं। कुछ प्रमुख सेंट्रल यूनिवर्सिटी डीयू, जेएनयू, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और बीएचयू हैं।
स्टेट यूनिवर्सिटी:
राज्यों की विधानसभा एक्ट पारित कर स्टेट यूनिवसिर्टी बनाती हैं। देश में कुल 251 स्टेट यूनिवसिर्टी हैं। इनमें से केवल 123 यूनिवर्सिटीज को ही यूजीसी से बजट मिलता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास और यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई देश की सबसे पुरानी स्टेट यूनिवर्सिटीज हैं।
प्राइवेट यूनिवर्सिटी :
उच्च शिक्षा के ऐसे संस्थान, जिनकी स्थापना राज्य या केंद्र के कानून के तहत किसी स्पॉन्सरिंग बॉडी द्वारा की जाती है, प्राइवेट यूनिवर्सिटी कहलाते हैं। ऐसी यूनिवर्सिटी के पास यूजीसी की मान्यता भी होती है, जिससे इनके द्वारा दी जा रही डिग्रियों को मान्यता मिलती है। पिलानी स्थित बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी एंड साइंस (बिट्स) को इस कैटिगरी में रखा जा सकता है।
डीम्ड यूनिवर्सिटी:
यूनिवर्सिटी के अलावा उच्च शिक्षा से जुड़े दूसरे इंस्टिट्यूट्स को यूजीसी की सलाह पर केंद सरकार डीम्ड यूनिवसिर्टी का दर्जा देती है। अमूमन यह दर्जा पाने के लिए संस्थान में शिक्षा का स्तर बहुत ऊंचा होना जरूरी माना जाता है। इस तरह की यूनिवर्सिटी का स्टेटस बाकी यूनिवर्सिटी की तरह ही होता है, लेकिन इन्हें स्वायत्तता अधिक हासिल होती है। ये न सिर्फ अपना कोर्स और सिलेबस खुद डिजाइन कर सकती हैं, बल्कि एडमिशन और फीस संबंधी अपने नियम भी बना सकती हैं। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ माइंस (धनबाद), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (बेंगलुरु) कुछ जानी-मानी डीम्ड यूनिवर्सिटी हैं।
कैसे बनती हैं डीम्ड यूनिवर्सिटी?
एजुकेशनल इंस्टिट्यूट यूजीसी और एचआरडी मिनिस्ट्री को अप्लाई करता है। डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के लिए यूजीसी ने कुछ मानक तय कर रखे हैं। ऐप्लिकेशन आने पर यूजीसी की एक टीम संबंधित इंस्टिट्यूट का दौरा करती है। मानक पर खरे उतरनेवाले इंस्टिट्यूट को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के लिए यह कमिटी सिफारिश करती है। इसी के आधार पर डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया जाता है।
क्या हैं मानक?
- बहुत अच्छा अकादमिक स्तर
- एप्लिकेशन ओरिएंटेड प्रोग्राम चलाने की क्षमता
- 10 साल से ज्यादा समय से संचालित (कुछ मामलों में इस नियम में छूट दी जा सकती है, ऐसी स्थिति में प्रोविजिनल मान्यता दी जा सकती है। हर पांच साल के बाद इसे यूजीसी द्वारा रिव्यू किया जाता है।)
सावधान-होशियार
-डीम्ड यूनिवर्सिटी सबसे ज्यादा गड़बड़ी दूसरी जगहों पर अपने कैंपस या स्टडी सेंटर खोलने में करती हैं। इसके अलावा बिना इजाजत या मान्यता के नए डिपार्टमेंट भी खोले जाते हैं। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश में करीब 44 डीम्ड यूनिवर्सिटीज की मान्यता रद्द करने का आदेश जनवरी में जारी किया था। बाद में इन यूनिवर्सिटीज के मैनेजमेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इन संस्थानों को आगामी एकेडेमिक सेशन में दाखिले की इजाजत दे दी गई। गौरतलब है कि इन डीम्ड यूनिवर्सिटियों में दो लाख से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं।
यूनिवर्सिटी और डीम्ड यूनिवर्सिटी में फर्क
- संसद और विधानसभाओं के एक्ट द्वारा बनाई गई यूनिवर्सिटी ही दूसरे कॉलेज और इंस्टिट्यूट को कोर्स चलाने के लिए खुद से संबद्ध कर मान्यता दे सकती हैं। डीम्ड यूनिवर्सिटी को मेन कैंपस के अलावा दूसरे किसी कैंपस या संस्थान में कोर्स चलाने की इजाजत नहीं है।
- यूजीसी ने अपनी जांच में पाया है कि कई डीम्ड यूनिवर्सिटी नए डिपार्टमेंट या इंस्टिट्यूट खोलने के लिए यूजीसी को ऐप्लिकेशन फाइल करते ही इस बारे में ऐड देना और एडमिशन लेना शुरू कर देती हैं। भले ही उनकी ऐप्लिकेशन यूजीसी या एचआरडी मिनिस्ट्री से अप्रूव हुई हो या नहीं।
- इसी तरह यूजीसी का नियम है कि डीम्ड यूनिवर्सिटी किसी कॉलेज को मान्यता नहीं दे सकती हैं। लेकिन कई कॉलेज किसी डीम्ड यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त होने का दावा करते हैं।
यूजीसी ने अपनी वेबसाइट पर राज्यवार हर प्रदेश में स्थित डीम्ड यूनिवर्सिटी का विस्तृत ब्यौरा दिया है। उसमें यूनिवर्सिटी का नाम चेक किया जा सकता है।
- डीम्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तमाम जगह स्टूडेंट सेंटर बनाए जा सकते हैं, लेकिन इन सेंटर्स का इस्तेमाल पढ़ाई करने या कोर्स चलाने के लिए नहीं बल्कि स्टूडेंट्स को कोर्स के सिलसिले में सलाह देने और उनकी मदद करने के लिए ही किया जा सकता है।
- डीम्ड यूनिवर्सिटी की पहचान यह है कि इसके नाम के साथ 'डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटी' जरूर लिखा होगा। ऐसी यूनिवर्सिटी अपने नाम के साथ नैशनल या इंडियन शब्द इस्तेमाल नहीं कर सकतीं। यह हक सिर्फ सेंट्रल यूनिवर्सिटी को है।
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,29 मई,2010)
iteresting and useful
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