कार्बेट नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों को बेहतर जानकारी देने के लिए साढ़े तीन करोड़ की लागत से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर लर्निग सेंटर की स्थापना की जाएगी। इससे पर्यटक पार्क एवं वन्य जीवों से संबंधित सारी जानकारियां जुटा सकेंगे। शनिवार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने पत्रकारों से कहा कि 1अपै्रल 1973 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यहां के लिए टाइगर प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। इसी के तहत शीघ्र ही इंदिरा गांधी लर्निग सेंटर खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रीन इंडिया मिशन के तहत पूरे देश में 10 साल के अंदर 2 करोड़ हैक्टेयर जंगलों के विस्तार की योजना है। इस योजना में 40 हजार करोड़ रुपये व्यय होंगे। उन्होंने पर्यटन के नाम पर कार्बेट के आसपास बन रहे रिसॉर्ट पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे वन्य जीवों व पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। इन चीजों पर अंकुश लगाने के लिएउन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन बढ़ना चाहिए लेकिन इको टूरिज्म की तर्ज पर। जिससे कार्बेट में दबाव न बढ़ने पाए। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सीटीआर को पर्यटन से हर वर्ष चार करोड़ की आय होती है। यह धनराशि पहले राज्य सरकार को जाती थी अब यह धनराशि कार्बेट में खर्च होगी। 39 टाइगर रिजर्व में से पर्यटन से होने वाली आय उन्हीं रिजर्व में लगाई जा रही है। देश में बाघों की कम होती संख्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में हर साल 30-35 बाघ मारे जाते थे। 2009 में 70 बाघ मारे गए, जो चिंता का विषय है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 39 में से 30 ऐसे टाइगर रिजर्व हैं, जहां स्थिति बेहद नाजुक है। उन्होंने कहा कि 2010 को चीन ने टाइगर इयर घोषित किया है। इसलिए बाघों की सुरक्षा करना पहली प्राथमिकता है। बाघों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों की सहभागिता भी जरूरी है(Dainik Jagran,13.6.2010)।
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