महाराष्ट्र के सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों के प्रोफेसरों की निजी कोचिंग पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने उनकी संपत्ति घोषित करना अनिवार्य कर दिया है। अब इन प्रोफेसरों को हर साल शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना होगा।
राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि प्रोफेसरों की निजी कोचिंग क्लास की ओर बढ़ते झुकाव को रोकने के लिए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।
टोपे के मुताबिक, बांबे हाईकोर्ट ने हाल में एक मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि प्रोफेसर कोचिंग क्लास में ज्यादा समय दे रहे हैं जिसकी वजह से कॉलेजों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है। कोर्ट की इस टिप्पणी के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। प्रोफेसरों को संपत्ति के ब्यौरे के साथ-साथ अपनी आय के अन्य स्रोत की जानकारी भी देनी होगी((दैनिक भास्कर,8.6.2010)।
राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि प्रोफेसरों की निजी कोचिंग क्लास की ओर बढ़ते झुकाव को रोकने के लिए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।
टोपे के मुताबिक, बांबे हाईकोर्ट ने हाल में एक मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि प्रोफेसर कोचिंग क्लास में ज्यादा समय दे रहे हैं जिसकी वजह से कॉलेजों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है। कोर्ट की इस टिप्पणी के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। प्रोफेसरों को संपत्ति के ब्यौरे के साथ-साथ अपनी आय के अन्य स्रोत की जानकारी भी देनी होगी((दैनिक भास्कर,8.6.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।