निगेटिव मार्किग के खेल ने बड़ी संख्या में सिपाही भर्ती के इच्छुक अभ्यर्थियों के इरादों को फेल कर दिया। पहली बार सिपाही भर्ती के लिए हुई परीक्षा का जो परिणाम आया है वह उन अभ्यर्थियों के लिए फायदेमंद है जो पास हुए हैं। कुल दस हजार रिक्ति के लिए बीस हजार अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में सफल हो पाये हैं। जबकि यह योजना थी कि तय रिक्ति से पांच गुना अभ्यर्थियों को शारीरिक परीक्षा में शामिल किया। पुलिस मुख्यालय से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार न्यूनतम अर्हता अंक के तहत यह तय किया गया था कि अनुसूचित जाति-जनजाति के उम्मीदवारों के लिए यह अंक 32 होगा तथा सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 40। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी न्यूनतम अंक के फेर में भी भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गये। ऊपर से निगेटिव मार्किग के प्रावधान में एक प्रश्न के गलत उत्तर पर एक तिहाई अंक की कटौती की गयी। इसने भी परीक्षा परिणाम पर खासा असर डाला। पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में तय भर्ती के मानदंडों के कारण अब घोषित परिणाम पर फिलहाल कोई पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है, पर इस मसले पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है कि आगे से भर्ती प्रक्रिया में निगेटिव मार्किग के प्रावधान को हटा दिया जाये। विभाग में सिपाही भर्ती को होने वाली शारीरिक परीक्षा की तैयारी शुरू हो गयी है। यह परीक्षा सात से सत्रह जुलाई तक होगी। इलेक्ट्रोनिक चिप्स पर आधारित इस परीक्षा की तैयारी फुलवारीशरीफ स्थित बीएमपी परिसर में चल रही है(दैनिक जागरण,पटना,19.6.2010)।
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