सुप्रीम कोर्ट की एक और बेंच ने बैंक ऑफ राजस्थान के आईसीआईसीआई बैंक में विलय के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। गत सोमवार को भी एक अन्य अवकाशकालीन खंडपीठ ने इस विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने में असमर्थता व्यक्त की थी।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और स्वतंत्र कुमार की अवकाश खंडपीठ ने बुधवार को याचिकाकर्ता राम प्रसाद सोमाणी से कहा कि याचिका पर सुनवाई के लिए उन्हें न्यायालय की नियमित बेंच के पास ही जाना होगा। सोमाणी के बैंक ऑफ राजस्थान के कुछ शेयर हैं और वह आईसीआईसीआई बैंक में विलय का विरोध कर रहे हैं। आईसीआईसीआई बैंक २३ मई को बैंक ऑफ राजस्थान के विलय के शेयर तीन हजार करोड़ रुपए में लेकर इसका विलय करने पर सहमत हो गया था। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली अवकाश खंडपीठ ने भी ३१ मई को इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ता का दावा है कि पी. के. तयाल परिवार और उसकी समूह कंपनियों की गतिविधियों की छानबीन हो रही है। याचिका में दावा किया गया है कि तयाल परिवार ने सेबी के नियमों का पालन किये बगैर ही बैंक ऑफ राजस्थान के १५ फीसदी शेयर हासिल कर लिये थे। यह मामला सामने आने पर सेबी ने इसकी जांच के आदेश दे दिये और अगले आदेश तक तयाल परिवार को शेयर कारोबार करने से रोक दिया था(नई दुनिया,दिल्ली,3 जून,2010)।
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