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11 जून 2010

डीयू की नो एंट्री, इग्नू में वेलकम

डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) ने 40 पर्सेंट से कम मार्क्स वालों
को इस बार ऐडमिशन देने से इनकार कर दिया है। ऐसे स्टूडेंट्स के पास अब इंदिरा गांधी नैशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) का बेहतर ऑप्शन है। इग्नू में ग्रैजुएशन लेवल के कोर्सेज में ऐडमिशन के लिए स्टूडेंट्स 15 जून तक 200 रुपये लेट फीस के साथ अप्लाई कर सकते हैं।

डीयू ने पिछले साल एक्सटर्नल सेल को खत्म कर दिया था और इस साल एसओएल से हजारों स्टूडेंट्स की उम्मीद टूट गई है। खास बात यह है कि एक्सटर्नल सेल की फीस काफी कम थी और यहां पर हजारों स्टूडेंट्स ऐडमिशन लेते थे। पिछले साल डीयू ने यह कहते हुए सेल को बंद कर दिया था कि एसओएल में स्टूडेंट्स ऐडमिशन ले सकते हैं, लेकिन इस साल से डीयू ने 40 पर्सेंट से कम मार्क्स वाले स्टूडेंट्स के लिए भी अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं।

डीयू के एसओएल में ग्रैजुएशन लेवल पर 5 कोर्स हैं, जिनमें से ऑनर्स कोर्स के लिए तो न्यूनतम योग्यता वही है, जो रेग्युलर स्टूडेंट्स के लिए होती है। लेकिन बीए और बीकॉम के जनरल कोर्सेज में 12वीं पास स्टूडेंट्स को ऐडमिशन मिल जाता था, चाहे उसके केवल 33 पर्सेंट मार्क्स ही क्यों न हो? इस साल नई शर्त लागू होने से हजारों स्टूडेंट्स डीयू में ऐडमिशन नहीं ले पाएंगे। वहीं, डिस्टेंस लर्निंग के फील्ड में सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी इग्नू में एसओएल से कहीं अधिक कोर्सेज हैं। इग्नू में करीब 350 कोर्स हैं।

इग्नू के प्रवक्ता रवि मोहन का कहना है कि 325 से अधिक कोर्सों में 12वीं पास स्टूडेंट्स को ऐडमिशन मिल जाता है और इसके लिए पर्सेंटेज की शर्त नहीं है। मान्यता प्राप्त बोर्ड से केवल 12वीं पास होना जरूरी है। उनका कहना है कि करीब 25 कोर्सेज में ही ऐडमिशन के लिए न्यूनतम मार्क्स तय किए जाते हैं, क्योंकि उनमें एंट्रेंस टेस्ट होता है। इग्नू में बीए, बीकॉम, बीएससी, बीए (टूरिजम), बीसीए, सोशल वर्क समेत काफी स्ट्रीम में ग्रैजुएशन होती है और डीयू से निराश स्टूडेंट्स के लिए यह यूनिवर्सिटी बेहतर ऑप्शन साबित हो सकती है।

एसओएल के सीनियर टीचर और ऐकडेमिक काउंसिल मेंबर जे. खूंटिया ने कहा कि एसओएल ने फीस में भारी बढ़ोतरी कर दी है और गरीब स्टूडेंट्स के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है। इग्नू और एसओएल की फीस में बहुत बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। जहां इग्नू में बीए और बीकॉम में फर्स्ट ईयर में ऐडमिशन लेने पर साल में 1800 रुपये तक देने होते हैं और सेकंड ईयर में यह फीस 100 रुपये कम हो जाती है। वहीं, एसओएल की पढ़ाई काफी महंगी हो गई है। इसके अलावा एसओएल में स्टूडेंट्स को परेशानियां ही परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।

एसओएल ने हर कोर्स की फीस में 400 रुपये का इजाफा कर दिया है। एसओएल में बीकॉम ऑनर्स की फीस 3,530 रुपये, बीए प्रोग्राम की 3,130 रुपये, बीकॉम की 3,230 रुपये, बीए ऑनर्स इंग्लिश की 3,230 रुपये और बीए ऑनर्स पॉलिटिकल साइंस की फीस 3,330रुपये कर दी गई है(Bhupendra,NBT,8.6.2010)।

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