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01 जून 2010

बिहार में बेरोज़गारों को भत्ता मिलेःइन्कलाबी नौजवान सभा

इन्कलाबी नौजवान सभा के कमलेश शर्मा ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है. केंद्र की आर्थिक नीतियों, भूमंडलीकरण, उदारीकरण व निजीकरण की नीतियों के कारण बेरोजगारी ने भयावह प ले लिया है. रोजगार हर व्यक्ति का अधिकार है और इसकी पूर्ति करना सरकार का दायित्व है. जब तक रोजगार न मिले, तब तक सरकार को हर बेरोजगार को बेरोजगारी भत्ता देना होगा.

उक्त बातें गुरुवार को उन्होंने चार वामपंथी युवा संगठनों द्वारा कारगिल चौक पर बेरोजगारी और केंद्र तथा राज्य द्वारा चलायी जा रही ओर्थक नीतियों के विरोध में आयोजित सम्मेलन में कहीं.ठेके पर नियुऑिल इंडिया यूथ फेडरेशन के रमाकांत अकेला ने राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार के उपक्रमों में लगभग छह लाख पद रिक्त हैं, किंतु राज्य सरकार ज्यादातर पदों पर ठेके पर नियुक्त कर रही है. शिक्षामित्र, न्यायमित्र, आशा, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक ओद की बहाली इसी नीति के तहत की गयी है.

इन सबों का भविष्य अनिश्चित है.व्याख्याताओं की जरतउच्च शिक्षा में पिछड़ेपन का जिक्र करते हुए डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाइएफआइ) के उमेश कुमार ने कहा कि बिहार में 13,000 व्याख्याताओं की जरूरत है, जिनमें से 6068 पद रिक्त हैं. राज्य सरकार इनकी बहाली पर कोई ध्यान नहीं दे रही. लगभग 1600 करोड़ रुपये हर वर्ष यहां के छात्र दूसरे प्रदेशों में जाकर पढ़ाई पर खर्च करते हैं.

राज्य सरकार की ओर्थक प्रगति के सारे दावे गलत हैं. कई उद्योगपतियों से सरकार ने बात की, एमओयू पर हस्ताक्षर किये, किंतु कोई नया निवेश नहीं हुआ(प्रभात खबर,पटना,28 मई,2010).

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