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03 जून 2010

राजस्थान में जीवन-कौशल पर असमंजस

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एनसीईआरटी के नए पाठयक्रम के साथ ही कक्षा 11 वीं में पहले से पढ़ाई जा रही ‘जीवन कौशल’ पाठयपुस्तक को भी शामिल करने का निर्णय अपने स्तर पर ले चुका है। यह पुस्तक कोर्स में शामिल होगी या नहीं, इस पर सरकार की हरी झंडी का इंतजार है। यह पुस्तक पिछले साल 11 वीं कक्षा में भी पढ़ाई गई है।

एक दशक से यह स्कूलों में चल रही है। यह लागू होने के बाद से ही विवादों में रही है। इसके कुछ अंशों का भाजपा शासन में विरोध हुआ तो भाजपा सरकार ने एक कमेटी बनाकर आपत्तिजनक अंश हटवा दिए थे। अब वापस इसे स्कूलों में पढ़ाएं या नहीं। इसे फिर पढ़ाने पर कोई नया विवाद तो नहीं खड़ा होगा।

इसे देखते हुए बोर्ड राज्य सरकार की पुन: सहमति लेना चाहता है। बोर्ड द्वारा भेजे प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने बोर्ड से कुछ और तथ्य मांगे हैं। बोर्ड इनका भी जवाब भेज चुका है। बोर्ड ने कक्षा 11 वीं के नए कोर्स की सूची में इस पुस्तक को शामिल किया है। बोर्ड की वेबसाइट पर भी इसे लोड कर दिया है। सरकार की हरी झंडी मिलने तक इसे स्कूलों में लागू करने का अंतिम फैसला नहीं हो सकता।
पीसी महावर,निदेशक (प्रकाशन) माशिबो, अजमेर का कहना है कि बोर्ड के पास इस पुस्तक का कुछ बैकलॉग पहले से उपलब्ध है। कुछ पुस्तकों की और प्रकाशित करवाने की आवश्यकता पड़ी तो कराई जा सकती है। सरकारी स्तर पर अभी हरी झंडी नहीं मिली है। नहीं तो हमारे पास किताब का लेजर प्रिंट आ जाता। जैसे ही लेजर प्रिंट आएगा पुस्तक प्रकाशित करवा दी जाएगी(दैनिक अजमेर,3 जून,2010)।

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