बारहवीं और १क्वीं के खराब रिजल्ट के लिए उन विषय के शिक्षकों को जिम्मेदार माना जा रहा है जिन विषयों में ज्यादा विद्यार्थी फेल हुए हैं। ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। लोक शिक्षण संचालनालय स्तर पर हर सरकारी स्कूल का विषयवार रिजल्ट खंगाला जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी १२वीं और १क्वीं के रिजल्ट में बढ़त से खुश तो हैं लेकिन १क्वीं में अंग्रेजी, गणित और १२वीं में भौतिक शास्त्र में रिजल्ट बिगड़ने से नाराज भी हैं। डीपीआई ने मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल से उन सरकारी स्कूलों का डाटा मांगा है, जिनमें इन विषयों में ज्यादा विद्यार्थी फेल हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के 40 फीसदी स्कूलों का डाटा डीपीआई को मिल भी गया है। कार्रवाई होगी : स्कूल शिक्षामंत्री अर्चना चिटनीस ने दोनों कक्षाओं में सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 80 फीसदी से अधिक लाने का लक्ष्य रखा था। परीक्षा के ठीक पहले सुधारात्मक कक्षाएं भी लगाई गईं। बावजूद इसके 500 से अधिक सरकारी स्कूलों का रिजल्ट बिगड़ गया। ऐसे स्कूलों के शिक्षकों को नोटिस जारी किए जाएंगे। जवाब मिलने पर डीपीआई निर्णय लेगा कि क्या कार्रवाई करनी है।
मुख्य समाचारः
05 जून 2010
मध्यप्रदेश में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी
(दैनिक भास्कर,भोपाल,5 जून,2010)
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