शिक्षा विभाग ने नियम विरुद्ध किए गए करीब 12 हजार तबादलों को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट की ओर से 13 जुलाई को दिए गए आदेश की पालना में पंचायती राज प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपसचिव ने ये तबादले निरस्त किए हैं।
सरकार ने समानीकरण के तहत करीब 15 हजार पंचायती राज शिक्षकों में से 12 हजार के तबादले एवं समायोजन नियम विरुद्ध एक ही पंचायत समिति क्षेत्रों के भीतर कर दिए थे। शिक्षा विभाग अब पूर्व के आदेशों की सूचियों पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के हस्ताक्षर कराने की तैयारियों में जुट गया है, जिससे शिक्षकों को अपने मूल स्थान पर लौटने से रोका जा सके।
एक पंचायत समिति से दूसरी पंचायत समिति में किए तबादला आदेश यथावत रहेंगे। दैनिक भास्कर ने 15 जुलाई के अंक में ’17 हजार पंचायतीराज शिक्षकों के समानीकरण आदेश कठघरे में’ शीर्षक से प्रकाशित खबर में तबादला आदेशों पर सवाल खड़े किए थे। वर्तमान में करीब 3 हजार शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने समानीकरण आदेश के बावजूद नए स्थान पर ज्वाइनिंग नहीं दी गई है, उन्हें साफ तौर पर राहत मिल गई है।
20 हजार और तबादलों की तैयारी
इन आदेशों से शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही तबादला प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग में करीब 20 हजार शिक्षकों के तबादलों की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इनमें आधे शिक्षक पंचायती राज से जुड़े हैं।
इधर शिक्षामंत्री बोले
जिन्होंने ज्वॉइन कर लिया, वहीं रहेंगे
शिक्षामंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का कहना है कि लगभग सभी शिक्षकों ने नए स्थान पर ज्वॉइन कर लिया है, ऐसी स्थिति में शिक्षण व्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। निरस्त तबादला आदेशों को अब नए सिरे से ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के मार्फत जारी करवाया जाएगा। जिन्होंने ज्वॉइन कर लिया है, वे उसी स्थान पर जमे रहेंगे।
कानूनी पक्ष ये कहता है
याचिकाकर्ताओं के वकील राजेंद्र सोनी का कहना है कि पंचायतीराज के सेक्शन 89 के तहत एक ही पंचायत समिति में हुए तबादलों को राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। इसके अनुसरण में शिक्षक नए स्थान पर ज्वाइनिंग के बावजूद पुराने स्थान पर आने के लिए स्वतंत्र हैं(दैनिक भास्कर,जयपुर,24.7.2010)।
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