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24 जुलाई 2010

इंदौरः16 हजार स्टूडेंट्स खोलेंगे नया बैंक अकाउंट

आरजीपीवी ने रिवेल्युएशन, रिटोटालिंग, डुप्लिकेट मार्कशीट समेत सभी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। इससे शहर के 48 कॉलेजों के 16 हजार और प्रदेश के 210 कॉलेजों के 78 हजार स्टूडेंट्स को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में इंटरनेट बैंकिंग सुविधा वाले अकाउंट खुलवाना होंगे।

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) ने एडमिशन, एक्जाम, रिवेल्युएशन सहित तमाम फॉर्म व फीस जमा करने की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। चार दिन पहले लागू की गई इस व्यवस्था के लिए स्टूडेंट्स को केवल यूनियन बैंक में अकाउंट खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे स्टूडेंट्स के सामने एक नई परेशानी खड़ी हो गई है।

खाता खोलने के लिए बैंक प्रत्येक स्टूडेंट से 100 और कॉलेज से साढ़े आठ हजार रुपए वसूल रहा है। आरजीपीवी के निर्देश हैं कि इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को अब सारी प्रक्रिया ऑनलाइन करना होगी यानी उन्हें एडमिशन, एक्जाम या रिवेल्युएशन के फॉर्म जमा करने से लेकर फीस का भुगतान भी ऑनलाइन ही करना होगा। इसी के लिए स्टूडेंट्स को यूनियन बैंक में इंटरनेट बैंकिंग सुविधा वाले अकाउंट खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं। स्टूडेंट्स का कहना है फॉर्म तो भी पहले भी एमपी ऑनलाइन की मदद से ऑनलाइन भरे जा सकते थे। बस कियोस्क पर फीस का भुगतान नकद करना होता था।

इसमें किसी तरह की दिक्कत नहीं थी। नई व्यवस्था लागू करने के पीछे कोई ठोस कारण नजर नहीं आ रहा। चांदनी भाटिया, जितेंद्र बंसल और कपिल शर्मा कहते हैं हमारे पहले से बैंक अकाउंट हैं, नया खोलने की जरूरत नहीं है। यदि प्रक्रिया ऑनलाइन करना है तो उसी अकाउंट मंे इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा ली जा सकती है, लेकिन यूनिवर्सिटी इसकी अनुमति नहीं दे रही है।

पुरानी फीस का क्या होगा-

यूनिवर्सिटी ने यह व्यवस्था चार दिन पहले लागू की है, जबकि कुछ ही दिन पहले रिवेल्युएशन फॉर्म भरे गए हैं। प्रत्येक सेमेस्टर के लिए पांच सौ रुपए जमा कराए गए हैं। इसका रिजल्ट अब तक नहीं आया है, जबकि नए सेमेस्टर के फॉर्म जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें 1300 रुपए के अलावा रिवेल्युएशन में रुके हर विषय के लिए 370 रुपए भी लिए जा रहे है यानी रुके हुए विषय के लिए स्टूडेंट्स को 870 रुपए जमा करना पड़ रहे हैं। प्रक्रिया में बदलाव से स्टूडेंट्स पसोपेश में हैं कि अब पुरानी फीस का क्या होगा।

जल्दबाजी में लिया निर्णय-

कॉलेजों को भी ऑनलाइन प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। एसकेआईटीएस के डायरेक्टर शरद सिसौदिया कहते हैं यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। प्रक्रिया स्टूडेंट्स की समझ से बाहर है। अकाउंट मेंटेन करने के लिए बिना वजह बैंक के चक्कर लगाना पड़ेंगे। ट्रूबा इंस्टिट्यूट के प्रो. राजेंद्र तारे कहते हैं इतने कम समय में 16000 अकाउंट खुलना मुश्किल है।


ये हैं परेशानियां

स्टूडेंट्स को केवल यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मजबूरन अकाउंट्स खुलवाना पड़ेंगे।
यूनियन बैंक की शहर के केवल 18 ब्रांच हैं। ज्यादातर कॉलेजों से काफी दूर हैं। अकाउंट मेंटेन करने में स्टूडेंट्स को दिक्कत आएगी।

स्टूडेंट्स और कॉलेज दोनों ही इंटरनेट बैंकिंग में सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। जिन स्टूडेंट्स के पहले से बैंक अकाउंट हैं, उनके दोबारा अकाउंट खुलवाने का औचित्य समझ से परे है। ऑनलाइन फॉर्म व फीस जमा कराने में गलतियों की आशंका बढ़ जाएगी।


रजिस्ट्रेशन बना कमाई का जरिया

आरजीपीवी के इस निर्णय से प्रदेश के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स पर 78 लाख रुपए का बोझ आएगा। इनमें इदंौर के स्टूडेंट्स को 16 लाख रुपए की चपत लगेगी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया हर स्टूडेंट से अकाउंट खोलने के एवज में 100 रुपए वसूल करेगी। 210 कॉलेजों से 17 लाख 85 हजार वसूलेंगे जाएंगे। इसके पहले भी रिवेल्युएशन के नाम पर आरजीपीवी स्टूडेंट्स् से एक करोड़ रुपए से अधिक वसूल चुका है।


वापस कर देंगे फीस

ञ्चयूनियन बैंक राष्ट्रीयकृत और देश की टॉप आठ बैंकों में शामिल है। बैंक ने स्टूडेंट्स को अकाउंट संबंधी सभी सुविधा देने की बात कही है। इसमें बिना शुल्क इंटरनेट बैंकिंग भी शामिल है। यूनिवर्सिटी कैम्पस में इसी बैंक की शाखा है इस वजह से ट्रांजेक्शन में सामंजस्य बना रहेगा। रिवेल्युएशन में स्टूडेंट के पास होने पर पुरानी फीस वापस कर दी जाएगी।

पीयूष त्रिवेदी, कुलपति आरजीपीवी(गजेन्द्र विश्वकर्मा,दैनिक भास्कर,24.7.2010)

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