बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर पर होनहार छात्रों के सपनों को पूरा करने वाली कोचिंग सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार शनिवार को राजधानी में थे। आनंद अब बिहार से निकल कर उप्र के गरीब बच्चों की प्रतिभा को भी निखारना चाहते हैं। उनका सपना है सुपर-30 को सुपर-60 बनाना। शनिवार को प्रेस क्लब में श्री कुमार ने बताया कि शिक्षा ही गरीबी से लड़ने का हथियार बन सकती है। आनंद ने वर्ष 2003 में अमित, प्रवीण व नीरज के साथ मिलकर आर्थिक रूप से कमजोर पर होनहार छात्रों के सपनों को पूरा करने के लिए नि:शुल्क आईआईटी की कोचिंग कराने का फैसला लिया। कोचिंग में बिना फीस के एक साल तक बच्चों को तराशा जाता है। कोचिंग के माध्यम से आनंद अब तक 212 छात्रों का चयन आईआईटी में करा चुके हैं। वह बताते हैं कि गरीब बच्चों को मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करने के लिए भोलू व रिक्की पर आधारित फिल्म दिखाते हैं। दोनों का बौद्धिक क्षमता (आईक्यू) समान होता है लेकिन भोलू एक सवाल को कई तरह से हल करता है जबकि रिक्की एक ही तरीका अपनाता है। आनंद की कोचिंग में सभी छात्रों को एक साल तक रहने, खाने और पढ़ने की नि:शुल्क व्यवस्था होती है। ट्यूशन पढ़ाकर छात्रों के खर्चो की व्यवस्था करने वाले आनंद की मां छात्रों को खुद खाना बनाकर खिलाती हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर पर प्रतिभाशाली छात्रों को भी सुपर-30 (रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स) में शामिल करना चाहते हैं। इसके लिए राजधानी के हजरतगंज स्थित यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में एक अगस्त से आवेदन पत्र मिलेगा। 21 अगस्त को प्रवेश परीक्षा होगी। टाइम मैगजीन की ओर से आनंद कुमार की कोचिंग को बेस्ट स्कूल ऑफ एशिया-2010 घोषित किया गया(दैनिक जागरण,लखनऊ,25.7.2010)।
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