कांग्रेस ने बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के पसमांदा-महादलित कार्ड की काट के लिए मुस्लिम आरक्षण का दांव चला है। केंद्र में अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सलमान खुर्शीद ने कहा है कि कांग्रेस कर्नाटक सरकार की तर्ज पर देश के सभी मुस्लिमों को पिछड़ा मानते हुए आरक्षण का लाभ देने पर विचार कर रही है। कर्नाटक माडल के अनुसार, पिछड़ों के लिए तय 27 फीसदी कोटे में से ही मुस्लिमों को भी उनकी तादाद के अनुपात में आरक्षण मिलेगा। सलमान खुर्शीद ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, हर राज्य में पिछड़ा आयोग है जिसे तय करना है कि वहां के अल्पसंख्यक किस पिछड़ी श्रेणी में आ सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस के इस कदम से नीतीश के पसमांदा और महादलित कार्ड पर असर पड़ेगा, खुर्शीद ने बड़ी संजीदगी से कहा भी-हां, झटका लग तो सकता है। उन्होंने कहा, अभी केंद्र सरकार सच्चर कमेटी की रपट लागू करने में लगी है और उसका 90 प्रतिशत तक क्रियान्वयन हो चुका है। इसके बाद रंगनाथ मिश्र आयोग की संस्तुतियों पर विचार होगा। इतना ही नहीं केंद्र समान अवसर आयोग के गठन पर गंभीरता से विचार कर रही है। इससे सभी अल्पसंख्यकों को चाहे वे किसी भी समूह या वर्ग के हों हर क्षेत्र में अवसर उपलब्ध होंगे। खुर्शीद ने कहा, सरकार ने पहली से 12वीं तक के 30 लाख छात्रों को वजीफा देना तय किया है। प्रदेश सरकार को बस इतना ही करना है कि वह आवेदनों को मंत्रालय तक पहुंचा दे, लेकिन यह भी मुमकिन नहीं हो पा रहा है। छात्रों के आवेदन यहां बोरों में पड़े हैं(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,26.7.2010)।
यह गलत बात है .... सभी मुस्लिम्स को नहीं... पिछड़े मुस्लिम्स को आरक्षण की ज़रूरत है...
जवाब देंहटाएंकोई नई बात नहीं है, कांग्रेस मुस्लिम वोटों के लिये "कुछ भी" (जी हाँ कुछ भी) कर सकती है… :)
जवाब देंहटाएं