सागर जिले के अधिकांश शासकीय कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। जिन कॉलेजों में पूरी सीटें भर गई हैं वहां अध्यापन कार्य शुरू करने की तैयारियां जारी हैं लेकिन जिले के कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जहां पढ़ाने के लिए नियमित व अनुभवी शिक्षकों का टोटा रहेगा।
इसका मुख्य कारण यह है कि जिले के सभी 10 सरकारी कॉलेज शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। इनमें से कुछ तो ऐसे हैं। जिनमें एक दशक से भी अधिक की अवधि से शिक्षक नहीं हैं। जिले में एक भी ऐसा कॉलेज नहीं है। जिसमें शिक्षकों की कमी न हो।
विज्ञान समूह की स्थिति दयनीय : जिले में बहुत कम कॉलेजों में विज्ञान समूह के अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था है। लेकिन इनमें से अधिकांश शिक्षकों की कमी का सामना कर रहे हैं। एक्सीलेंस का दर्जा प्राप्त जिले के गल्र्स कॉलेज व शासकीय विज्ञान महाविद्यालय सागर एवं खुरई में गणित विषय पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। देवरी के सरकारी कॉलेज में भौतिक शास्त्र, वनस्पति एवं प्राणी शास्त्र विभाग में पद खाली पड़े हैं।
हिन्दी-अंग्रेजी भी भगवान भरोसे : जिले के कुछ महाविद्यालयों में अंग्रेजी जैसा आधारभूत विषय पढ़ाने के लिए भी शिक्षक नहीं हंै। जहां हैं वहां भी तय संख्या के मान से कम हैं। शासकीय कॉलेज देवरी व खुरई में अंग्रेजी के पद लंबे समय से खाली हैं। संस्कृत विषय की भी हालत अंग्रेजी जैसी है। गल्र्स एक्सीलंेस कॉलेज में इस विषय का पद गत 4 साल से खाली पड़ा है। यहां संगीत और नृत्य विषय के 1-1 पद भी डेढ़ दशक से खाली पड़े हैं।
अन्य विषयों के पद भी खाली : उपरोक्त पदों के अलावा कॉलेजों में गृह विज्ञान, भूगोल, इतिहास, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र विषयों के एक से दो पद खाली हैं।
शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय स्थित नोडल सेंटर के मुताबिक वर्तमान में जिले के समस्त कॉलेजों में 17 पद प्राध्यापक एवं 57 पद सहायक प्राध्यापक के रिक्त हैं। जबकि कुल पदों की संख्या करीब 175 है(दैनिक भास्कर,सागर,23.7.2010)।
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