सेवानिवृत्ति की उम्र नही बढ़ायी गयी, तो उत्तर प्रदेश के एकमात्र छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय समेत सभी राजकीय मेडिकल कालेज विशेष चिकित्सकों (प्रोफेसर) से खाली हो जाएंगे। मेडिकल कालेजों में तैनात इन प्रोफेसरो की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने मुख्यमंत्री मायावती को पत्र लिखा है। इस मामले पर शासन ने 27 जुलाई को बैठक बुलायी है। इस बैठक मे निर्णय न होने पर 31 जुलाई को मेडिकल कालेजो के दर्जनभर से अधिक प्रोफेसर सेवानिवृत्त हो जाएंगे। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी ने कहा है कि देश में विशेष चिकित्सकों की कमी को पूरा करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत हर मेडिकल कालेजो मे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या 150 से बढ़ाकर 250 करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) के एक्ट 1956 में संशोधन भी किया गया है। एमसीआई के अनुसार अब तक एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में एक प्रोफेसर पर एक छात्र का अनुपात बढ़ाकर एक शिक्षक पर दो छात्र किया गया है। गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा के लिए विशेष चिकित्सकों की देश में काफी कमी है(सुनंदा डे,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,26.7.2010)।
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