डीयू में नया सेशन शुरू हो गया है। सीनियर्स भी कॉलेज पहुंच रहे हैं लेकिन अपने रिजल्ट को लेकर वे टेंशन में हैं। बीए प्रोग्राम, बीकॉम और बीकॉम ऑनर्स जैसे कोर्सेज में सबसे अधिक स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड होते हैं और इन कोर्सेज का रिजल्ट अब तक नहीं आ पाया है। हर ईयर के स्टूडेंट्स को अपने रिजल्ट का इंतजार है।
थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स को ज्यादा परेशानी हो रही है क्योंकि उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए कहीं न कहीं एडमिशन भी ले लिया है और वहां पर जल्द से जल्द रिजल्ट सबमिट करना है, लेकिन रिजल्ट आया ही नहीं है। एग्जामिनेशन ब्रांच का कहना है कि पिछले सालों की तुलना में इस बार रिजल्ट जल्द आ रहे हैं और ग्रैजुएशन लेवल पर 30 कोर्सेज के रिजल्ट आ गए हैं। इस बार कॉलेजों की ओर से इंटरनल असेसमेंट के मार्क्स भेजने में बहुत देरी की गई और अगर ये मार्क्स तय समय पर भेज दिए जाते तो अब तक सारे रिजल्ट आउट हो जाते।
एग्जामिनेशन ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक कॉलेजों से इंटनरल असेसमेंट के मार्क्स 15 मई तक ब्रांच को मिल जाने चाहिए थे लेकिन 23 जून तक ये प्रोसेस चलता रहा। डीयू टीचर्स असोसिएशन (डूटा) की अपील पर कॉलेज टीचर्स ने इंटरनल असेसमेंट के मार्क्स रोक लिए थे और बाद में हाई कोर्ट में मामला जाने के बाद टीचर्स ने मार्क्स यूनिवर्सिटी को सौंपे।
इस देरी का असर रिजल्ट पर भी पड़ रहा है। डीयू ने यह दावा किया था कि स्टूडेंट्स को इस बार रिजल्ट समय पर मिल जाएंगे पर एग्जामिनेशन ब्रांच का कहना है कि अगर एक भी कॉलेज से इंटरनल असेसमेंट के मार्क्स आने में देरी होती है तो इसका असर पूरे प्रोसेस पर पड़ता है।
उधर डीयू के टीचर्स का कहना है कि सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद रिजल्ट की समस्या और बढ़ने वाली है। इस साल साइंस के 13 कोर्सेज में सेमेस्टर लागू हो रहा है और साल में दो बार एग्जाम होंगे। ऐसे में सेमेस्टर के रिजल्ट किस तरह से समय पर आ पाएंगे, यह भी यूनिवर्सिटी के सामने बड़ा चैलेंज होगा(नभाटा,2.7.2010)।
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