एचआईवी मरीजों के इलाज और जांच से जुड़ी जानकारियों को व्यापक करने के लिए मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज ने एक वर्षीय विशेष पाठय़क्रम की शुरुआत की है जिसमें एमबीबीएस व पीजीडीएमए के छात्रों के अलावा चिकित्सा क्षेत्र व एनजीओ से जुड़े अन्य लोग भी प्रशिक्षण ले सकते हैं। मार्च महीने से शुरू होने वाले पाठय़क्रम की अवधि एक साल की होगी। एचआईवी के प्रति पैरामेडिकल स्टाफ को जागरूक करने के लिए कॉलेज द्वारा इसी साल प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया गया है। तीन चरणों में चलने वाले कोर्स के लिए कॉलेज के बाहर के छात्र या रेजीडेंट चिकित्सक भी भाग ले सकते हैं। सप्ताह के वैकल्पिक दिनों में लगने वाली क्लास में एचआईवी व एड्स पीड़ित मरीजों के इलाज के अलावा जांच से जुड़ी चिकित्सकीय जानकारी दी जाएंगी। मेडिकल कॉलेज के डीन प्रो. एके अग्रवाल ने बताया कि पाठय़क्रम के माध्यम से मेडिकल क्षेत्र के लोगों को एचआईवी व इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। यही कारण है कि कोर्स के लिए उन्हीं छात्रों को प्राथमिकता दी गई है जो पहले से एचआईवी या एड्स से किसी प्रोजेक्ट से जुड़े हैं या फिर स्वयं सेवी संस्था में काम कर चुके हैं। एक वर्षीय पाठय़क्रम में आरटीवी (एंटी रिट्रोवायटल थेरेपी) मरीजों की काउंसलिंग, फालोअप केस, एचआईवी पीड़ित महिलाओं की डिलीवरी आदि से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। पाठय़क्रम के माध्यम से पंजीकरण कराने वाले छात्रों से अस्पतालों में एचआईवी मरीजों के इलाज का ब्यौरा भी जुटाया जाएगा जिससे अस्पतालों में दी जाने वाली सुविधाओं को अधिक बेहतर किया जा सके(हिंदुस्तान,दिल्ली,25.7.2010)।
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25 जुलाई 2010
मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज में एक वर्षीय एचआईवी पाठय़क्रम
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