हथकरघा उद्योग की बदौलत विदेश तक में नाम कमा रहे पिलखुवा को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने पॉलीटेक्निक कॉलेज का तोहफा दिया गया है। इसके पीछे मंत्रालय की मंशा क्षेत्र में टेक्सटाइल इंजीनियर खड़े करने की है। इस प्रोजेक्ट का अस्सी फीसदी खर्च केंद्र उठाएगा और राज्य के हिस्से में सिर्फ बीस फीसदी धन आएगा। अफसरों के मुताबिक, पॉलीटेक्निक को मंजूरी के साथ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय दिल्ली गाजियाबाद प्रशासन के कई और अहम प्रस्तावों को हरी झंडी दी है। इसमें जिले के मूक-बधिर और दृष्टिहीन छात्रों के लिए स्कूल और छात्रावास का निर्माण भी शामिल है। मुख्य विकास अधिकारी जेबी सगीर ने बताया कि सचिव अल्पसंख्यक कल्याण अरुण प्रसाद ने मूक-बधिर और दृष्टिहीन छात्रों के लिए अलग-अलग छात्रावास बनाने की योजना को स्वीकृति प्रदान की है। हालांकि जिले में नए हैंडपंप लगाए जाने के 1.82 करोड़ के प्रस्ताव में 75 लाख की कटौती कर दी गई है। अब गाजियाबाद को हैंडपंप लगाए जाने के लिए एक करोड़ सात लाख रुपये ही मिलेंगे। सीडीओ ने बताया कि पिलखुवा के हैंडलूम उद्योग को ध्यान में रखकर प्रस्तावित कालेज में सबसे पहले टेक्सटाइल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कराई जाएगी, ताकि यहां हर साल टेक्सटाइल इंजीनियर तैयार हो सकें और हैंडलूम उद्योग को और ऊंचाइयां दी जाए। पॉलीटेक्निक कालेज के निर्माण में 13.21 करोड़ का खर्च आएगा। अभी तक जिले में सिर्फ एक पॉलीटेक्निक कालेज था। नए कॉलेज खोलने की मांग काफी समय से उठ रही थी। सीडीओ के मुताबिक, कल्याण मंत्रालय ने हापुड़ और गढ़ में दो आईटीआई कालेज भी बनाने को स्वीकृति प्रदान की है(हिंदुस्तान,गाजियाबाद,25.7.2010)।
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25 जुलाई 2010
पिलखुवा को पॉलीटेक्निक कॉलेज का तोहफा
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