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25 जुलाई 2010

सिक्किम में युवाओं को कुशल बनाने की योजनाएं शुरू

सिक्किम में निजी क्षेत्रों में शिक्षित युवाओं के जनसंख्या के अनुपात में पर्याप्त रोजगार का अवसर सृजन हुआ है। दूसरी ओर राज्य सरकार ने इन्हीं सृजित अवसरों में युवाओं की दक्ष जनशक्ति तैयार करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरु की है। यह बातें राज्य के सत्तासीन दल एसडीएफ के प्रचार सचिव अम्बर राई ने कही। उन्होंने कहा कि राज्य में इन दिनों बेरोजगार युवाओं को लेकर चल रही अखिल सिक्किम शिक्षित स्वरोजगार एवं बेरोजगार संगठन तथा विपक्षी पार्टियों द्वारा की गई टिप्पणियों पर कटाक्ष करते हुए स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक उदारीकरण ने लायी वृहद अवसर और पेशांतर की मांग को दक्ष जनशक्ति से ही पूरा करने की क्षमता रखता है। जो इस अवसर से आई प्रतिस्पर्धा की चुनौती पर खरा नहीं उतरने से उक्त जनशक्ति बेकाम साबित होना लाजमी है, क्योंकि दक्षता की कमी से ग्रस्त मानव संसाधन के ऊपर पेशांतर की चुनौती हावी होती है। इसी सच्चाई का अनुभव कर राज्य सरकार उक्त चुनौतियों को पार कर सफलता प्राप्त करने की उद्देश्य से विभिन्न क्षमता विकास कार्यक्रम संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 को राज्य सरकार ने कार्यक्षमता विकास वर्ष के रूप में घोषणा कर विभिन्न कार्यक्रम लागू किया। शिक्षित युवाओं को उक्त कार्यक्रमों के जरिए विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण भी दिया गया था। जो इस तरह के कार्यक्रम अभी कार्यान्वयन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सिक्किम में राज्य सरकार ने निवेशकों को निवेश के लायक का तैयार करते हुए कानूनी तौर पर आदर्श वातावरण बनायी। जिसके परिणाम स्वरूप राज्य में विभिन्न निजी औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं। जिसमें राज्य के स्थानीय युवाओं को 80 फीसदी नौकरी में आरक्षण देने के प्रावधान के साथ राज्य सरकार ने उक्त कंपनियों के साथ करारनामे में सहमति बनाई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डा. पवन चामलिंग ने उक्त कंपनियों के प्रबंधकों के साथ अलग से बैठक कर रोजगार के अवसर में 80 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का प्रत्यक्ष निर्देश दिये हैं। दूसरी ओर सिक्किम विधानसभा में भी 80 फीसदी स्थानीयों को आरक्षण पर विधेयक को पारित किया गया है। इस बात से स्पष्ट है कि राज्य सरकार राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के प्रति अति संवेदनशील व सजग है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पक्ष से होने वाला सभी कार्यो को पूरी की गई है। अब राज्य के सचेत युवाओं को उक्त अवसरों से खुद को लाभार्जन के लिए तैयार करें। इसके लिए युवाओं को ही पहल करना होगा। उन्होंने कहा है कि उदाहरण के तौर पर पर्यटन व्यवसाय में अत्यधिक रोजगार के अवसर विद्यमान है। क्योंकि राज्य में पर्यटकों के आवगमन यहां के जनसंख्या के अनुपात से भी अधिक है। जिसमें ट्रैवेल्स, लजिंग, फूडिंग, गाइडिंग, मोमेंटो बिक्री आदि सतही पर देखने वाले अवसर हैं लेकिन ऐसे रोजगार के अवसर से यहां के युवा दूर हैं। यह राज्य के लिए अति विडम्बना है(दैनिक जागरण,सिलीगुड़ी संस्करण,25.7.2010 में गंगटोक प्रतिनिधि की रिपोर्ट)।

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