बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के मामले में प्रबंधन की महत्ता को स्वीकार करते हुए अब राज्य सरकार स्वास्थ्य प्रबंधन का कोर्स शुरू करने जा रही है। इसकी फीस ढाई लाख रूपए होगी।
दो अगस्त से राज्य स्वास्थ्य प्रबंध एवं संचार संस्थान ग्वालियर में एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट का पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है। इसमें सरकार दिल्ली के पब्लिक हेल्थ फाउण्डेशन ऑफ इण्डिया से तकनीकी सहयोग लेगी। चिकित्सा के क्षेत्र में अर्से से यह महसूस किया जा रहा था कि डाक्टरों को चिकित्सकीय कार्य के अलावा इसके प्रबंधन में हुनरमंद होना चाहिए। यह पाठ्यक्रम इस कमी को पूरा करेगा। पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट पाठ्यक्रम के तहत इपीडीमियोलॉजी, एचएमआईएस, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, हेल्थ फायनेंसिंग एवं हेल्थ इकानॉमिक्स, हेल्थ सेक्टर रिफार्म, बिहेविरियल साइंस, इनवायरमेंटल हेल्थ प्रमोशन एवं कम्युनिकेशन, जेण्डर ह्यूमन राइट आदि का शिक्षण एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस पाठ्यक्रम को भारत शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी मान्यता दी है। पहले वर्ष में शासकीय सेवारत चिकित्सकों के लिये ५० सीटें होंगी। इसका पूरा व्यय राज्य शासन वहन करेगा। इसके अतिरिक्त १० सीटें निजी चिकित्सकों, दंत चिकित्सकों, बीएससी, नर्सिंग एवं एमएसडब्ल्यु डिग्रीधारियों से भरी जाएंगी।
सरकारी डॉक्टरों को पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिये पांच वर्ष की न्यूनतम सेवा, , एक अगस्त, २०१० को ५२ वर्ष से कम आयु की शर्त रखी गई है। उसके खिलाफ विभागीय जांच या लोकायुक्त आदि का मामला भी नहीं होना चाहिए। आवेदन देने की अंतिम तिथि २९ जुलाई, २०१० है(नई दुनिया,भोपाल,26.7.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।