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05 जुलाई 2010

कॉलेज ऑफ आर्ट्स : चार सालों में तराशा जाता है कलाकार

कॉलेज छात्रों की सृजनात्मकता को एक दिशा देता है, करियर के बारे में बताता है लेकिन कोर्स को करने के बाद छात्रों के पास खुद ही मौके आने लगते हैं।

कुछ छात्र एमएफए में दाखिला ले लेते हैं तो कुछ छात्रों को अच्छी स्कॉलरशिप मिल जाती है। यहां से प़ढ़ाई करने के बाद छात्र नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन में भी दाखिला ले सकते हैं। कई छात्रों को विदेश से रिसर्च के ऑफर भी मिलते हैं। प़ढ़ाई के साथ ही छात्र प्रदशर्नियों में हिस्सा लेना शुरू कर देते हैं। इस कॉलेज से प़ढ़े बहुत से छात्र आज विदेशों में अच्छा काम कर रहे हैं। छात्रों को विज्ञापन एजेंसियों, मीडिया व प्रकाशन से अच्छे पैकेज पर रखा जाता है। इसके साथ ही छात्र फ्री लांस आर्टिस्ट, आर्ट टीचर, क्यूरेटर, स्कलपचर आर्टिस्ट के तौर पर काम करके अपनी पहचान बना सकते हैं। कला के क्षेत्र में आगे बेहतर भविष्य के लिए छात्रों का ヒझान बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स की ओर ब़ढ़ा है। वैसे तो फाइन आर्ट्स में डिग्री के लिए देशभर में कई संस्थान हैं लेकिन कॉलेज ऑफ आर्ट्स, आर्ट्स के छात्रों के लिए अपनी कला को निखारने के लिए अपने आप में एक अलग जगह है। यहां चार सालों में छात्रों की कला को तराशा तो जाता ही है साथ ही देश-विदेश से बेहतर मौके भी मिलते हैं। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एम. विजय मोहन कहते हैं कि दाखिले के बाद चार साल के प्रशिक्षण में छात्रों को खुद पता चल जाता है कि उन्हें आगे क्या करना है। कॉलेज में देशभर में कला के क्षेत्र में प्रशिक्षण लेने के लिए छात्र यहां आते हैं। नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों से भी छात्र यहां आकर दाखिला लेते हैं। कॉलेज को आगे ब़ढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार का भी विशेष योगदान है।

बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स का पाठ्यक्रम

छात्र बीएफए का यह कोर्स चार वर्ष में पूरा कर सकते हैं। इसके पाठ्यक्रम को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में व्यावहारिक कला, इतिहास, चित्रकला, मूर्ति कला और दृश्य संप्रेक्षण में छात्रों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रथम वर्ष में छात्रों को कोई विकल्प नहीं दिया जाता लेकिन द्वितीय वर्ष से छात्र अपने पसंद के विषयों को लेकर प़ढ़ते हैं।

कितनी है सीटें

इसके एप्लायड आर्ट्स में ८० सीटें, पेंटिंग में ४०, आर्ट हिस्ट्री में २०, प्रिंट मेकिंग में २०, विजुअल कम्यूनिकेशन में २० और स्कलपचर में १५ सीटें हैं। विजुअल आर्ट्स पिछले वर्ष से शुरू हुआ है लेकिन इस बार विजुअल आर्ट्स में दाखिले के लिए अधिक संख्या में आवेदन आए हैं।
कैसे होगा दाखिला

बीएफए में दाखिले के लिए छात्र के बारहवीं में ५० प्रतिशत अंक होने चाहिए। ऐसे छात्र जिनके विषय में ड्राइंग, मूर्तिकला, व्यावहारिक कला जैसे विषयों के लिए ५ प्रतिशत अंकों की छूट मिलती है।
दाखिले के लिए कैसे करें तैयारी

प्रवेश परीक्षा की वस्तु चित्रकारी से संबंधित ६० अंक के प्रशन पूछे जाते हैं। इसके अलावा सामान्य ज्ञान, व्यवहारिक कला , चित्रकला, प्रिंटिंग कला, मूर्तिकला और विजुअल कम्युनिकेशन से संबंधित प्रश्न आते हैं।

विशेष छात्रों के लिए भी है सुविधा

विकलांग छात्रों का दाखिला भी प्रवेश परीक्षा के जरिए ही होता है। ऐसे छात्रों के लिए स्नातक और स्नातोकोत्तर में तीन प्रशिक्षित सीटें आरक्षित होती हैं। सभी छात्रों का चुनाव स्टूडेंट वेलफेयर बोर्ड और कॉलेज के डीन मिलकर करते हैं। चयनित छात्रों की सूची तैयार करके उनका मेडिकल टेस्ट किया जाता है फिर स्वीकृति के लिए प्राचार्य के पास भेजा जाता है।
(महुआ बोस,नई दुनिया,दिल्ली,5.7.2010)

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