शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को सामाजिक कार्यों से जोड़ने के लिए संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना महज एक औपचारिकता बनती जा रही है। केंद्र व प्रदेश सरकार से लाखों रुपए का बजट मिलने के बाद भी शिक्षण संस्थान एनएसएस को लेकर गंभीर नही है। संस्थानों की सुस्ती से परेशान एनएसएस प्रकोष्ठने अब प्रदर्शन के आधार पर यूनिटों का आवंटन करने का निर्णय लिया है। प्रस्तावित आवंटन में गढ़वाल व कुमाऊं विश्वविद्यालय में पिछले साल की अपेक्षा यूनिट की संख्या में कटौती हुई है, जबकि इंटर कालेज व पॉलीटेक्निक संस्थान फायदे में है। मौजूदा समय में प्रदेश में करीब साढ़े चार सौ शिक्षण संस्थानों में एनएसएस की कुल 639 यूनिटें है। करीब 55902 छात्र एनएसएस से जुड़े है। सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एनएसएस के नियमित कार्यक्रमों व विशेष शिविरों के लिए प्रति छात्र 400 रुपए का बजट संबंधित संस्थान को आवंटित किया जाता है। बावजूद इसके एनएसएस द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों को तवज्जो नही मिल रही है। अधिकांश शिक्षण संस्थान शत-प्रतिशत आवंटित छात्रों को विशेष शिविर कराने में नाकामयाब साबित हुए। इसके चलते एनएसएस के लाखों रुपए कालेजों के खाते में पड़े है। इस समस्या से निपटने के लिए एनएसएस ने लचर प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के यूनिटों की संख्या में कटौती करने का निर्णय लिया है। शिक्षा सत्र 2010-11 छात्रों का आवंटन करते समय संस्थानों के प्रदर्शन को आधार बनाया गया है। गढ़वाल व कुमाऊं विश्वविद्यालय में पिछले साल की अपेक्षा आवंटित छात्रों की संख्या में 2400 की कमी आई है। वहीं पॉलीटेक्निक संस्थानों में पिछले साल की अपेक्षा 650 व इंटर कालेजों में 1750 छात्रों की बढ़ोतरी हुई है। एनएसएस ने प्रस्तावित आवंटन को अनुमोदन के लिए शासन को भेज दिया है
शिक्षा सत्र 2010-11 के लिए छात्रों का प्रस्तावित आवंटन संस्थान प्रस्तावित आवंटन गत वर्ष का आवंटन कुविवि नैनीताल 9200 10350 गविवि श्रीनगर 11500 12750 गोबपकृ प्रौद्योगिकी विवि 2100 2000 गुरुकल कांगड़ी विवि हरिद्वार 400 500 देवसंस्कृति विवि हरिद्वार 300 300 उत्तराखण्ड संस्कृत विवि हरिद्वार 1250 1250 माध्यमिक शिक्षा मंडल नैनीताल 9300 8300 माध्यमिक शिक्षा मंडल पौड़ी 19452 18702 प्राविधिक शिक्षा निदेशालय श्रीनगर 2400 1750(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,26.7.2010)
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