बहुत से सेल्फ फाइनेंस बीएड कालेजों की अनियमितताएं पहले ही जगजाहिर थी, बस इन पर कार्रवाई का इंतजार था। अब नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए विभिन्न राज्यों के दर्जनों बीएड कालेजों की मान्यता रद्द की है, तो कइयों को नोटिस जारी किए हैं। इस सूची में अम्बाला का महाबीर कालेज आफ एजुकेशन भी है।
इस कालेज पर एनसीटीई ने कई आपत्तियां उठाई हैं। शिक्षण की गुणवत्ता का जिम्मा संभालने वाली संस्था की नार्थ रीजन कमेटी(एनआरसी) ने मीटिंग कर निर्देश जारी किए हैं। इसका पूरा ब्यौरा संस्था की साइट पर डाल दिया गया है। इसमें अम्बाला के महाबीर बीएड कालेज के बारे में कहा गया है कि इस संस्थान में गत वर्ष निरीक्षण टीम भेजी थी।कालेज ने वास्तविक रिकार्ड छुपाकर टीम को पूरा सच नहीं जानने दिया। आडिट रिपोर्ट व बैलेंस सीट भी नहीं दिखाई। यहां बैंक के माध्यम से स्टाफ की तनख्वाह नहीं मिलती।
हाजिरी का रजिस्टर ही नहीं
कालेज के बारे में अहम सवाल एनसीटीई ने खड़ा किया है कि उक्त कालेज ने हाजिरी रजिस्टर का ही हिसाब किताब नहीं दिया। जबकि हाजिरी रजिस्टर से ही पता चल सकता है कि कितना स्टाफ है? स्टाफ किस किस पद पर हैं? अम्बाला का यह कालेज उनमें शामिल है जिन्ह्रे नोटिस जारी किया गया है।
उल जुलूल फरमानों का कोई अर्थ नहीं: चेयरमेन
हालांकि यह कार्रवाई टीचर ट्रेनिंग का जिम्मा संभालने वाली सर्वोच्च संस्था की है, लेकिन उक्त कालेज के चेयरमेन के.के. झा से जब कार्रवाई की बात पूछी गई, तो वो आपा ही खो बैठे। कहा कि ऐसे उल जुलूल फरमानों का कोई अर्थ नहीं होता। निरीक्षण टीम को सब चीजें दिखाई गईं थी। अब आपत्तियों का कोई अर्थ नहीं बनता(दैनिक भास्कर,अम्बाला,6.8.2010)।
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