शिक्षा के अधिकार को लेकर शिक्षण संस्थानों में उठ रहे सवालों के बीच लोजपा अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद राम विलास पासवान ने मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों और मदरसों की स्वायत्तता पर सरकार से आश्वासन ले लिया। सरकार की ओर से उन्हें साफ कर दिया गया कि शिक्षा के अधिकार कानून से इन संस्थानों की स्वायत्तता पर आंच नहीं आने दी जाएगी। पिछले दिनों में कई शिक्षण संस्थानों की ओर से इस कानून को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को मुस्लिम संस्थाओं के विशेष प्रतिनिधिमंडल के साथ पासवान ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में लोजपा के महासचिव अब्दुल खालिक भी शामिल थे। पासवान ने बताया कि सिब्बल से उन सभी मुद्दों पर चर्चा की गई जिसे लेकर मुस्लिम शिक्षण संस्थानों और खासकर मदरसों के संचालकों में बेचैनी थी। मदरसों और मुस्लिम संस्थानों से संविधान की धारा 30 के अनुच्छेद (1) का कोई लेना देना नहीं है। लिहाजा शिक्षा के कानून के नाम पर उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। सिब्बल ने भी माना कि मदरसों पर इस कानून का कोई असर नहीं होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि प्रावधानों को स्पष्ट करने के लिए कोई सुझाव हो तो उस पर विचार करके उसे विधेयक में जोड़ा जा सकता है। पासवान ने आग्रह किया कि धारा 30 के तहत एक विस्तृत विधेयक लाया जाए और अल्पसंख्यक संस्थानों को चलाने में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए प्रयास किया जाए। पासवान ने कहा कि यदि इसके बाद भी मुस्लिम शिक्षण संस्थानों में कोई अड़चन आती है तो लोजपा संसद से लेकर सड़क तक आंदोलन करेगी(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,4.8.2010)।
स्वाभाविक सी बात है… :) :) :)
जवाब देंहटाएंइन छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों की हिम्मत है मदरसों से छेड़छाड़ करने की ?
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