डीएवी पीजी कालेज लॉ में फर्जी अंकपत्र के आधार पर एडमीशन लेने की आशंका व्यक्त की जा रही है। क्योंकि एडमीशन का आधार मेरिट लिस्ट रखा गया था। इस वजह से कई छात्र-छात्राओं द्वारा गलत ढंग बनाए गए ऐसे अंकपत्र लगाए जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है, जिनमें नंबर ज्यादा हों। इस जानकारी के बाद प्राचार्य ने इसकी जांच शुरू करा दी है।
पिछले वर्ष बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लॉ में एडमीशन के लिए आयु सीमा निर्धारित कर दी थी। लेकिन कोर्ट से इस मामले पर स्टे हो गया था। स्टे मिल जाने की वजह से डीएवी पीजी कालेज में बहुत सारे ऐसे छात्र-छात्राओं ने एडमीशन कराए, जिनकी उम्र २८-३० पार कर चुकी थी। कहीं मौका चूक न जाएं इस वजह से कई छात्र-छात्राओं द्वारा फर्जी अंक पत्रों के जरिए एडमीशन ले लिए गए। हालांकि अभी ऐसी सिर्फ आशंका व्यक्त की जा रही है। इस संबंध में कालेज के कुछ छात्रनेताओं ने प्राचार्य से इस बात की शिकायत की है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्राचार्य ने छात्रनेताओं को आश्वासन दिया कि मामले की पूरी जांच कराई जाएगी। इस संबंध में प्राचार्य डॉ. बीएल नौटियाल ने कहा कि तमाम छात्र-छात्राओं से अंकपत्र मंगाकर, उनकी जांच की जाएगी। अगर ऐसा कोई भी मामला पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी(अमर उजाला,देहरादून,6.8.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।