यूपी बोर्ड के स्कूलों में पंजीकरण से लेकर परीक्षा केंद्र निर्धारण, केंद्र व्यवस्थापक की तैनाती में माननीयों और दबंगों के दखल से परेशान १७ बदनाम जिलों के अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इन जिलों को पिछली दो परीक्षाओं में सबसे ज्यादा गड़बड़ी करने वाले के रूप में चिन्हित किया गया है। वहां पंजीकरण से अधिक छात्र परीक्षा में बैठे, पेपर आउट हुआ, हर पेपर में जमकर नकल हुई लेकिन अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद भी दोबारा परीक्षा के सिवा कोई कार्रवाई नहीं की गई। उलटे अधिकारियों को नोटिस दिया गया, परीक्षा व्यय की रकम काट ली गई।
मारपीट पर आमादा हो जाते
परेशान अधिकारियों ने इस सत्र में पंजीकरण और परीक्षा फॉर्म भराने का जिम्मा खुद पर लेने से इनकार कर दिया है। सचिव माध्यमिक शिक्षा और निदेशक को लिखकर अपनी परेशानी बताई है। उनका कहना है कि गड़बड़ी करने वाले ज्यादातर विद्यालय सांसद, विधायकों के रिश्तेदार या क्षेत्र के दबंग लोगों के हैं। किसी भी मामले में टोकने पर वे मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक या परीक्षा का जिम्मा संभालने वाले अधिकारियों ने लिखकर दिया है कि बोर्ड पंजीकरण और परीक्षा फॉर्म की जांच खुद कराए। वहां होने वाली किसी भी गड़बड़ी की जिम्मेदारी खुद नहीं लेंगे।
परीक्षा कार्य में जबरिया गड़बड़ी कराते
इलाहाबाद के साथ कौशांबी, वाराणसी, देवरिया, गाजीपुर, जौनपुर, गोरखपुर, मऊ, झांसी, चित्रकूट, आजमगढ़, गोंडा, रायबरेली, इटावा, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ के अधिकारियों ने लिखा है कि इस सत्र के लिए परीक्षा फॉर्म और पंजीकरण का कार्य शुरू हो गया है। पिछले वर्ष की तुलना में पंजीकरण करने वालों की संख्या चार लाख अधिक हो गई है। शासन उनसे जवाब मांग रहा है जबकि अधिकारियों के मुताबिक जबरिया फॉर्म भराने वाले कई सांसद और विधायक हैं। सूत्रों की मानें तो कई अधिकारियों ने कुछ माननीयों के नाम भी लिखे हैं जो परीक्षा कार्य में जबरिया गड़बड़ी कराते हैं। पिछले सत्र में किस स्तर पर गड़बड़ी की गई, इसका भी जिक्र किया गया है। अधिकारी इस मामले में सीधे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
ये हैं बदनाम जिले
इलाहाबाद, कौशांबी, वाराणसी, देवरिया, गाजीपुर, जौनपुर, गोरखपुर, मऊ, झांसी, चित्रकूट, आजमगढ़, गोंडा, रायबरेली, इटावा, आगरा, मथुरा और अलीगढ़।
‘पंजीकरण और परीक्षा फॉर्म को लेकर इस बार ज्यादा सख्ती की जा रही है, इसलिए नकल माफियाओं को परेशानी हो रही है। अधिकारी शासन के नियमों के अनुरूप ही कार्य करें। उन पर किसी का दबाव पड़ रहा है तो उसकी जांच कराकर यथासंभव कार्रवाई होगी।’ - रंगनाथ मिश्र, माध्यमिक शिक्षा मंत्री(अमर उजाला,इलाहाबाद,7.8.2010)
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