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05 अगस्त 2010

सीबीएसईःअब एक समान प्रश्नपत्र नहीं

मार्च में अलग-अलग परीक्षा तिथियों पर नौंवी में आए एक समान प्रश्न पत्रों के चलते मचे हंगामे से सबक लेते हुए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइर्) ने इस बार खास तैयारी की है। बोर्ड की ओर से किए गए इंतजामों के तहत इस बार भी परीक्षा तिथियों के निर्धारण का अधिकार स्कूलों के पास सुरक्षित होगा, लेकिन एक समान प्रश्न पत्र आने की समस्या पैदा नहीं होगी। दरअसल, बोर्ड ने स्कूलों को साफ कर दिया है कि बोर्ड से उपलब्ध प्रश्न पत्रों के प्रारूप से तैयार अंतिम प्रश्न पत्र की जांच बोर्ड खुद करेगा।

इसके लिए स्कूलों को निर्देश हैं कि वे सैंपल पेपर व बोर्ड के ब्लू प्रिंट में से कुछ प्रश्नों का चयन कर एक प्रश्न पत्र तैयार करें और फिर उसे जांच के लिए बोर्ड को भेजें। ऐसा होने से एक समान प्रश्न पत्र तैयार होने की संभावना कम हो जाएगी और कहीं कोई चूक होगी भी तो उसे समय रहते पकड़ लिया जाएगा।

सीबीएसई ने सत्र 2010-11 में नए सिरे से नौंवी और दसवीं में लागू समग्र सतत मूल्यांकन (सीसीई) प्रणाली के तहत पहले समेटिव मूल्यांकन-1 के संबंध में योजना को स्कूलों के लिए जारी कर दिया है। नए सिरे से तैयार योजना के तहत पहली बार सितम्बर के दूसरे सप्ताह में समेटिव मूल्यांकन-1 होगा। बोर्ड ने इस संबंध में स्कूलों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। परीक्षा नियंत्रक एमसी शर्मा की और से जारी निर्देश में स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे इन निदर्ेशों के आधार पर स्पष्ट व बाधा रहित परीक्षाओं का आयोजन करें।

ताकि, किसी तरह की कोई परेशानी खड़ी न हो। इस सत्र के मुताबिक समेटिव मूल्यांकन के तहत 20 फीसदी मूल्यांकन होगा। लिखित परीक्षा के आधार पर होने वाले इस मूल्यांकन में 40 फीसदी मूल्यांकन दूसरे सत्र में होगा। निर्देश में साफ किया गया है कि सभी स्कूलों को सुरक्षा के मद्देनजर 10 सितम्बर तक प्रश्न पत्र का प्रारूप बोर्ड को भेज दें।

स्कूलों को एक सीडी भेजी जाएगी जिसमें कई प्रश्न पत्र होंगे। इसके लिए स्कूलों को पॉसवर्ड भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा, समेटिव परीक्षा के लिए बोर्ड की ओर से एक अलग मार्किग स्कीम की सीडी भी भेजी जाएगी। सीडी से प्रश्न पत्र के प्रारूप को प्रिंट कराकर स्कूलों को ही परीक्षा का आयोजन कराना होगा। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन स्कूल के शिक्षकों द्वारा तैयार मार्किग स्कीम के आधार पर किया जाएगा(दैनिक भास्कर,दिल्ली,4.8.2010)।

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