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07 अगस्त 2010

छत्तीसगढ़ःआयुर्वेद कॉलेज को राष्ट्रीय संस्थान बनाने की पहल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर स्थित राज्य के 50 वर्ष से भी अधिक पुराने और इकलौते शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय का उन्नयन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के रूप में करने के लिए केन्द्र के स्तर पर त्वरित पहल करने का आश्वासन दिया है। डॉ. सिंह ने शुक्रवार को रायपुर अपने निवास पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों के प्रतिनिधि मंडल को यह भरोसा दिलाया। प्राचार्य डॉ. डी.के.तिवारी के नेतृत्व में आए इस प्रतिनिधि मंडल में छत्तीसगढ़ आयुर्वेद महाविद्यालयीन शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. डी.के.कटारिया, डॉ. सुरेन्द्र शर्मा और उपाध्यक्ष डॉ. संजय शुक्ला सहित डॉ. जी.सी.जैन तथा डॉ. एस.के.अहिरवार भी शामिल थे।

मुख्यमंत्री को प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश के कुछ चुने हुए आयुर्वेद महाविद्यालयों को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के रूप में विकसित करने की योजना बनायी है। छत्तीसगढ़ सरकार को भी इसके लिए अपनी दावेदारी पेश करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की भावनाओं को स्वागत योग्य बताया और उनके सामने ही इस संबंध में तुरन्त केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद से टेलीफोन पर सम्पर्क कर उन्हें इसके लिए छत्तीसगढ़ की दावेदारी से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने आजाद को प्रतिनिधि मंडल के विचारों की भी जानकारी दी। डॉ. रमन सिंह ने इस मौके पर नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय द्वारा लगभग छह महीने पहले 14-15 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन भी किया।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से टेलीफोन पर हुई चर्चा के दौरान डॉ. रमन सिंह ने उन्हें बताया कि रायपुर के इस शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में 90 एकड़ भूमि, डेढ़ सौ बिस्तरों वाले अस्पताल, फार्मेसी, औषधि अनुसंधान प्रयोगशाला, 15 एकड़ के हर्बल गार्डन, छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल सुविधा, बी.ए.एम.एस. पाठयक्रम सहित पांच विषयों में स्नातकोत्तर पाठयक्रम, अत्याधुनिक पुस्तकालय और कम्प्यूटर लैब सहित अन्य सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन्हें ध्यान में रखकर इस कॉलेज को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने आजाद को बताया कि छत्तीसगढ़ के जंगलों में आयुर्वेदिक महत्व की बहुमूल्य जड़ी बूटियों की कोई कमी नहीं है। इसे हर्बल राज्य का भी दर्जा मिला है, जहां उच्च गुणवत्ता से परिपूर्ण आयुर्वेदिक दवाईयों के निर्माण के लिए काफी संभावनाएं हैं। इस महाविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएट ब्लॉक और एक विशाल अत्याधुनिक सभागृह निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 15 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया है।

डॉ. रमन सिंह ने आजाद से कहा कि इन सब बातों को देखते हुए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना रायपुर के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने आजाद से टेलीफोनिक चर्चा के बाद प्रतिनिधि मंडल को बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने का वायदा किया है। डॉ. रमन सिंह ने प्रतिनिधि मंडल के आग्रह पर महाविद्यालय के 15 एकड़ के हर्बल गार्डन को और भी अधिक बेहतर ढंग से विकसित करने के लिए मुख्य वनसंरक्षक को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए(छत्तीसगढ़ न्यूज अपडेट,रायपुर,7.8.2010)।

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