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05 अगस्त 2010

बिहारःन्यायालय के आदेश से विवि प्रशासन हलकान

उच्च न्यायालय के विवि के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु को लेकर जारी आदेश से पटना विवि प्रशासन हलकान है। उसे समझ में नहीं आ रहा कि 62 वर्ष की आयु पूरी करने वाले शिक्षकों का क्या किया जाये। वर्तमान में प्रदेश में विवि शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है। शिक्षक यूजीसी के मापदंड के तहत सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष करने की मांग कर रहे हैं। विवि शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का प्रस्ताव राजभवन के पास लंबित है। इसलिए सरकार फैसला नहीं कर सकती है। निर्णय में देर के विरोध में शिक्षकों ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर दी। उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु पर अंतरिम रोक लगा दी गयी। इस बीच 31 जुलाई को पटना विवि के प्राक्टर प्रो. गफ्फार सिद्दिकी, प्रो. केपी साहा, प्रो.विनय कुमार सिन्हा, प्रो. केपी सिंह एवं प्रो. बीके पांडेय 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो गये। लेकिन, उन्होंने पटना उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का हवाला देकर सेवानिवृत्त होने इंकार कर दिया। उनका कहना है कि कोर्ट ने शिक्षकों की 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसलिए वे सेवानिवृत्त नहीं हो सकते हैं। कोर्ट का फैसला एवं राज्य सरकार की तरफ से कोई दिशा निर्देश न आने की वजह से विवि प्रशासन इनलोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है। विवि समझ नहीं पा रहा है कि जल्द फैसला नहीं होने पर आगे से इनलोगों को वेतन भुगतान एवं अन्य सुविधाएं कैसे दी जायेंगीं(दैनिक जागरण,पटना,5.8.2010)।

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