ओरियन ई सर्विसेज लिमिटेड नामक एक कंपनी ने राष्ट्रीय ई-गवर्नेस परियोजना के तहत प्रज्ञा केंद्र खोलने के नाम पर कई बेरोजगारों को चूना लगाया है। इस कंपनी ने आवेदन पत्र मंगाने के नाम पर पहले तो सौ-सौ रुपये के बैंक ड्राफ्ट बेरोजगारों से मंगाए, फिर प्रज्ञा केंद्र खोलने के लिए चयनित प्रत्येक उम्मीदवार से 45-45 हजार रुपये वसूले। इसके बावजूद प्रज्ञा केंद्र के लिए निर्धारित कंप्यूटर, प्रिंटर, जेनरेटर, वेबकैम व अन्य आवश्यक उपकरण बेरोजगारों को उपलब्ध नहीं कराए गए। सब कुछ हुआ झारखंड सरकार के नाम का सहारा लेकर। काफी शिकायत मिलने के बाद राष्ट्रीय ई-गवर्नेस परियोजना संचालित करनेवाली राज्यस्तरीय एजेंसी जैप आईटी ने उक्त कंपनी का काम बंद कराया। तब तक कंपनी कई बेरोजगारों को चूना लगा चुकी थी। दरअसल, राष्ट्रीय ई-गवर्नेस परियोजना के तहत पंचायत स्तर पर कामन सर्विस सेंटर (प्रज्ञा केंद्र) खोलने के लिए जैप आईटी ने दक्षिणी छोटानागपुर, उत्तरी छोटानागपुर व कोल्हान प्रमंडल की जिम्मेदारी बेंगलुरू स्थित यूनाइटेड टेलीकाम्स लिमिटेड को दी थी। साथ ही उसके भागीदार के रूप में ओरियन ई सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को स्वीकृति दी गई। लोगों की ओर से ओरियन के विरुद्ध शिकायतें मिलने के बाद जैप आईटी ने यूनाइटेड टेलीकाम्स को उससे नाता तोड़ने का आदेश दिया। इधर, यूनाइटेड टेलीकाम्स लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि कामन सर्विस सेंटर खोलने के लिए ओरियन द्वारा जिन बेरोजगारों का चयन किया गया था, उनकी क्षतिपूर्ति यूनाइटेड टेलीकाम्स द्वारा की जा चुकी है। ओरियन ने बेरोजगारों को लुभाने के लिए आकर्षक पंपलेट भी वितरित करवाए, जिनपर झारखंड सरकार का लोगो लगा था। पंपलेट में स्वरोजगार का सुनहरा अवसर जैसे लोगो लगे थे। आवेदन मंगाने के लिए सौ रुपये के बैंक ड्राफ्ट ओरियन के नाम से ही मंगाए गए। पंपलेट में कहीं भी उल्लेख नहीं था कि ओरियन यूनाइटेड टेलीकाम्स के लिए काम कर रही है। कंपनी व बेरोजगारों की डील में हस्तक्षेप नहीं यह कंपनी पर निर्भर करता है कि फ्रेंचाइजी के लिए वह कितनी राशि लेती है। इसपर जैप आईटी का कोई अंकुश या गाइड लाइन नहीं है। कंपनियां आवेदन मंगाने के नाम पर कितनी राशि लेती है, फ्रेंचाइजी लेने वाले बेरोजगारों से उनकी क्या डील होती है, बाद में प्रज्ञा केंद्र के संचालकों के साथ कंपनी का क्या संबंध होगा, सरकार से कंपनियों को मिलने वाले रेवेन्यू सपोर्ट में संचालकों की क्या हिस्सेदारी होगी, इसमें केंद्र सरकार या जैप आईटी का कोई हस्तक्षेप नहीं है(दैनिक जागरण,रांची,7.8.2010)।
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