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09 सितंबर 2010

सीबीएसई ने स्कूलों का 10वीं का पेपर खुद बनाने की छूट दी

9 वीं और 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए फर्स्ट समैटिव असेसमेंट यानी पेन-पेपर टेस्ट सितंबर में शुरु होना है। नई असेसमेंट स्कीम में अब 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स के एग्जाम भी स्कूल लेवल पर ही हो रहे हैं। सीबीएसई ने स्कूलों को यह छूट दे दी है कि वे चाहें तो अपने लेवल पर क्वेश्चन पेपर तैयार कर सकते हैं। लेकिन इस पेपर को बोर्ड से वेरिफाई कराना जरूरी होगा। दरअसल बोर्ड ने स्कूलों को तीन ऑप्शन दिए हैं - या तो वे बोर्ड द्वारा भेजे गए क्वेश्चन पेपर को यूज कर सकते हैं या फिर मिक्स एंड मैच पॉलिसी को अपनाते हुए अलग-अलग क्वेश्चन पेपर से एक पेपर तैयार कर सकते हैं या स्कूल अपना पेपर खुद भी बना सकते हैं। शर्त यह है कि स्कूलों को बोर्ड के सैंपल पेपर के बेस पर पेपर तैयार करने होंगे। माकिर्ंग स्कीम भी बोर्ड ही भेजेगा।

सीबीएसई के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन एम. सी. शर्मा ने बताया कि बोर्ड की ओर से सभी स्कूलों को क्वेश्चन पेपर बैंक की सीडी भेजी जा रही है। इंग्लिश कम्यूनिकेटिव, इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर, हिंदी-ए, हिंदी-बी, मैथ्स, साइंस, सोशल साइंस और कम्यूनिकेटिव संस्कृत सब्जेक्ट का क्वेश्चन पेपर बैंक बोर्ड ने तैयार किया है और स्कूलों को सीडी दी जा रही है। स्कूल सीडी में से कोई एक क्वेश्चन पेपर एग्जाम में दे सकते हैं। शर्मा ने बताया कि पिछले साल 9वीं क्लास में पहली बार यह प्रयोग किया गया था लेकिन हर स्कूल में एग्जाम की डेट शीट अलग-अलग होती है इसलिए देखने में आया कि कई स्कूलों में एक जैसा क्वेश्चन पेपर आ गया। इस समस्या को दूर करने के लिए ही बोर्ड ने इस बार स्कूलों को अपना क्वेश्चन पेपर तैयार करने की छूट दे दी है लेकिन यह क्वेश्चन पेपर बोर्ड के सैंपल पेपरों, डिजाइन और ब्लू प्रिंट के आधार पर ही होना चाहिए। बोर्ड उन पेपरों को वेरिफाई भी करेगा। स्कूल अपनी डेट शीट खुद तैयार कर सकते हैं। बोर्ड ने यह भी कहा है कि स्कूलों के टीचर ही पेपर चेक करेंगे। लेकिन स्कूलों को 9वीं क्लास के स्टूडेंट्स की आंसर सीट कम से कम तीन साल संभालकर रखनी होगी और 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स की आंसर शीट 2 साल संभालनी होगी।

कुछ स्कूल अपना क्वेश्चन पेपर तैयार कर रहे हैं तो कुछ बोर्ड की सीडी से ही पेपर पिक करेंगे। एयर फोर्स बाल भारती स्कूल, लोदी रोड के प्रिंसिपल आनंद स्वरूप ने बताया कि उनके यहां र्फस्ट समैटिव एग्जाम 14 सितंबर से शुरू हो रहा है। उन्होंने बताया कि अभी बोर्ड की सीडी नहीं पहुंची है। अगर सोमवार तक सीडी आ गई तो बोर्ड का क्वेश्चन पेपर ही यूज करेंगे नहीं तो अपना पेपर तैयार करेंगे। महावीर सीनियर मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल एस. एल. जैन ने बताया कि उन्होंने अपने टीचर्स से ही पेपर तैयार करा लिए हैं। दरअसल स्कूल में र्फस्ट समैटिव एग्जाम शुरू हो गए हैं इसलिए स्कूल ने इस बार अपने पेपर ही तैयार किए हैं। बोर्ड ने 10वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के लिए कन्टिन्यूअस एंड कॉम्प्रिहेंसिव इवैल्यूशन (सीसीई) स्कीम लागू कर दी है। एक सेशन में दो टर्म होंगे। हर टर्म में एक समैटिव असेसमेंट (एसए) और दो फॉमेर्टिव असेसमेंट (एफए) होंगे। एसए में टर्म एग्जामिनेशन होंगे। इस स्कीम में स्कूल टीचर्स ही आंसर शीट चेक करेंगे लेकिन मार्किंग स्कीम बोर्ड तय करेगा। अगले साल सभी स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जाम नहीं देना होगा। 12वीं तक चलने वाले स्कूलों में पढ़ने वाले वे स्टूडेंट्स जो सीबीएसई सिस्टम में ही रहना चाहते हैं, उनके लिए 10वीं का बोर्ड एग्जाम नहीं होगा। लेकिन 10वीं क्लास तक चलने वाले स्कूलों में या फिर जो स्टूडेंट्स सीबीएसई सिस्टम से बाहर आना चाहते हैं, उनके लिए बोर्ड एग्जाम कंडक्ट किया जाएगा(भूपेंद्र,नभाटा,दिल्ली,9.9.2010)।

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