३१ मार्च, २०१० तक बांटी जानी थी राशि
हर बच्चे को एक हजार रुपए का होना है भुगतान
अनुसूचित जाति-जन जाति के बच्चों का मामला
दिल्ली नगर निगम का नेतृत्व बेशक दलित और पिछड़े नेताओं के हाथों में दिए जाने का दावा किया जा रहा हो पर इस वर्ग के लोगों का कोई भला नहीं हो रहा। निगम के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति व जनजाति के डेढ़ लाख छात्र-छात्राओं को पिछले साल की छात्रवृत्ति मिलने का अब तक इंतजार है। निगम द्वारा हर बच्चे को एक हजार रुपए के हिसाब से लगभग १५ करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है।
नगर निगम में बैठे सत्ता पक्ष के नेताओं ने बड़े जोर-शोर से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बच्चों को मिलने वाली इस राशि को ५०० से बढ़ाकर एक हजार रुपए करने का ऐलान किया था। नगर निगम में शिक्षा निदेशक की ओर से २६ फरवरी २०१० को इस वर्ग के पहली से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले हर छात्र-छात्रा को एक हजार रुपए की छात्रवृत्ति बांटने का आदेश जारी किया था।
छात्र-छात्राओं में यह राशि ३१ मार्च २०१० तक बांटी जानी थी। नॉन प्लान-१२२३ के अंतर्गत नगर निगम के सभी १२ जोन में इसके लिए कुल १४,८०,१६,००० रुपए की स्वीकृति दी गई थी। इसके बावजूद अब तक इस वर्ग के बच्चों को अपनी छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई।
पीएसकेबी शिक्षक यूनियन ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों को इस बकाया छात्रवृत्ति का तुरंत भुगतान किया जाना चाहिए। यूनियन के मुखिया रामकिशन पूनिया का कहना है कि इससे नगर निगम के १७४३ स्कूलों में पढ़ने वाले डेढ़ लाख बच्चों का भला होगा। निगम में सदन के नेता सुभाष आर्य ने कहा कि शिक्षा के मद में दिल्ली सरकार से पैसा आना है। दिल्ली सरकार ने यह पैसा अब तक रोक रखा है। वहां से आते ही बच्चों को छात्रवृत्ति का भुगतान कर दिया जाएगा।
जोन के अनुसार अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों को भुगतान होने वाली राशि
शाहदरा उत्तर २,३१,६९,००० रुपए
शाहदरा दक्षिण २,६६,८२,००० रुपए
करोलबाग ३२,३२,००० रुपए
नजफगढ़ १,८६,०४,००० रुपए
मध्य क्षेत्र १,०३,४६,००० रुपए
पश्चिमी क्षेत्र १,६१,४२,००० रुपए
दक्षिणी क्षेत्र ९४,६०,००० रुपए
सिविल लाइंस १,०८,९३,००० रुपए
नरेला ९५,४७,००० रुपए
शहरी क्षेत्र ६,३०,००० रुपए
सदर पहाड़गंज २१,९०,००० रुपए
रोहिणी क्षेत्र १,७१,२१,००० रुपए
(हीरेन्द्र सिंह राठौड़,नई दुनिया,दि्ल्ली,3.9.2010)
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