इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीटीसी प्रवेश परीक्षा 2001 को नए सिरे से कराए जाने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि 20 अक्तूबर 2005 के शासनादेश के अनुसार प्रवेश परीक्षा सम्पन्न कराए एवं उसमें याचियों को भी शामिल होने का अवसर दे। साथ ही इस परीक्षा के आधार पर अगली कार्रवाई करने और पूरी प्रक्रिया तीन माह में निपटाने का निर्देश भी दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने मुकेश चतुर्वेदी व अन्य की याचिकाओं को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।
कोर्ट ने इस सम्बन्ध में राज्य सरकार के 18 नवम्बर 2009 के उस आदेश को भी रद कर दिया है जिसके तहत याचियों के प्रत्यावेदन निरस्त किए गए थे। कहा गया था कि यह परीक्षा कराना संभव नहीं है। याचियों ने प्रत्यावेदन देकर 2001 की प्रवेश परीक्षा कराने की माँग की थी। न्यायालय ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि पूर्व में पारित आदेशों का अनुपालन न करने पर सचिव बेसिक शिक्षा के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पत्रवली कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें। गौरतलब है कि बीटीसी के 5600 पद विज्ञापित कर चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। बाद में अनियमितता के आरोप पर कार्रवाई करते हुए प्रक्रिया को रद कर दिया गया था(हिंदुस्तान लाइव डॉटकॉम,इलाहाबाद,8.9.2010)।
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09 सितंबर 2010
यूपीः2001 की बीटीसी प्रवेश परीक्षा फिर से कराई जाएगी
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