मध्य प्रदेश की राजधानी में एक महिला प्रभा शर्मा, जो खुद को रेल मंत्री ममता बनर्जी की निज सचिव (पीए) बताती है, ने विधानसभा के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले कई बेरोजगारों को बिना किसी परीक्षा रेलवे में सीधे नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे लाखों रुपए ठग लिए हैं। यह महिला पिछले कई दिनों से दो-दो लाख रुपए में रेलवे की नौकरी दिलाने का दावा रही थी। एक जागरूक पाठक ने गुरुवार को डीबी स्टार टीम को फोन पर बताया कि उक्त महिला आज दोपहर तक बेरोजगार युवकों से पैसा लेकर दिल्ली जाने की तैयारी में है।
इसके बाद डीबी स्टार टीम तुरंत ओम नगर क्रमांक-२ में राधेश्याम यादव नामक व्यक्ति के घर पहुंची, जहां ये महिला ठहरी हुई थी। इस दौरान टीम को काफी देर तक घुमावदार गलियों से गुजरकर सड़क से काफी नीचे जाना पड़ा। टीम के रिपोर्टर यहां शिक्षक बनकर प्रभा शर्मा से मिले। इसके बाद पूरा स्टिंग ऑपरेशन किया गया, जिसमें प्रभा ने नौकरी दिलाने के लिए एक के बाद एक ऐसे दावे कर डाले, जिन्हें सुनकर साफ हुआ कि किस कदर ये महिला रेल मंत्री ममता बनर्जी के नाम का दुरुपयोग कर रही है। इसके बाद टीम ने तत्काल इसकी सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक को दी, जिसके बाद जहांगीराबाद थाने की टीम ने राधेश्याम यादव के घर पर छापा मारकर उक्त महिला को गिरफ्तार कर लिया।
यूं गए और यूं आए..आप यहीं रुकिए..
रिपोर्टर- हमको पता चला है कि आप रेलवे में नौकरी लगवा रही हैं तो हम आपसे मिलने चले आए?
प्रभा-हां, आप क्या करते हो?(रिपोर्टर की तरफ मुखातिब होकर)
रिपोर्टर- मैं शिक्षक हूं।
प्रभा- आपको किसने बताया कि मैं नौकरी लगवा रही हूं?
रिपोर्टर- मेरे कुछ परिचित यहीं ओम नगर में रहते हैं। उन्होंने ही कहा। तो बताएं मैडम, हमंे नौकरी के लिए क्या करना पड़ेगा?
प्रभा- देखो, सीधी भर्ती से नौकरी लगवाऊंगी। अभी 50 हजार रु. लगेंगे और नौकरी के बाद डेढ़ लाख रुपए और देना पड़ेंगे।
रिपोर्टर- ये तो ज्यादा है, फिर हमारे रुपयों की गारंटी कौन लेगा?
प्रभा- जिनके घर में बैठी हूं, वो मेरे मायके से रिश्तेदार लगते हैं। ये तो भरोसे का काम है। आप २क् दिन बाद देखना जब इन लोगों की (वहां खड़े युवकों की तरफ इशारा किया) नौकरी लग जाएगी।
रिपोर्टर- नहीं, मैडम हम शक नहीं कर रहे, लेकिन रकम बहुत बड़ी है, इसलिए थोड़ी चिंता हो रही है। भोपाल में नौकरी लगवाने के नाम पर आए दिन कोई न कोई धांधली उजागर होती रहती है।
प्रभा- ऐसा है कि रकम तो ज्यादा लगेगी, क्योंकि जो मंत्री ममता बनर्जी यह काम करवा रही हैं, उनको भी कुछ मिलना चाहिए। रिपोर्टर- ठीक है मैडम हमको भरोसा है, लेकिन बाद में हम आपसे संपर्क कैसे करेंगे।
राधेश्याम- मेरा नंबर लिखे लो। ये मेरी बुआ हैं। मैं भी तो पैसा दे रहा हूं। ज्यादा शक हो तो ये कार्ड देख लो, ये भी इन्हें जानते हैं। (एक दैनिक अखबार के संवाददाता का कार्ड दिखाया)
प्रभा- लेकिन तुम इस नंबर पर २क् दिन तक कॉल मत करना।
रिपोर्टर- ठीक है मैडम, हमको कब तक जॉब मिल जाएगी?
प्रभा-15 से 20 दिन का समय तो लगेगा। मैं ममताजी से मिलूंगी और उनके अनुमोदन के बाद ही तो काम हो पाएगा। आप ऐसा करो, अभी पैस मत दो, जब इनकी नौकरी लग जाएगी तो पैसा दे देना।
रिपोर्टर- नहीं, मैडम मैं एक घंटे में पैसा लेकर आ जाऊंगा।
प्रभा- नहीं, मुझे तो आधे घंटे में दिल्ली निकलना है।
रिपोर्टर- हमारी खातिर रुक जाएं, हम पैसा लेकर अभी आते हैं।
प्रभा- ठीक है, लेकिन आप एक घंटे में आ ही जाना।
रिपोर्टर- ठीक है, हम बस यूं गए और यूं आए।
पुलिस को देखते ही बदल गए प्रभा के सुर
मध्यप्रदेश विधानसभा के सामने ओम नगर में कई घुमावदार रास्तों से गुजरने के बाद सड़क से काफी नीचे जाकर राधेश्याम यादव नामक व्यक्ति के घर डीबी स्टार टीम पहुंची। यहां बाहर से साधारण नजर आने वाली झुग्गी के भीतर नौकरी पाने के लिए कई नौजवान हाथ जोड़कर खड़े हुए थे और वह महिला लोहे के पलंग पर बैठकर सबकी बात सुन रही थी। इसके बाद डीबी स्टार टीम को देखकर वह कुछ देर के लिए खामोश हो गई। तब पलंग पर प्रभा के साथ बैठे राधेश्याम यादव ने टीम से वहां आने का कारण पूछा। तब टीम के रिपोर्टरों ने उन्हें बताया कि मैडम रेलवे में उनकी नौकरी लगवा देंगी, ये सुनकर आप लोगों से मिलने आए हैं। इस पूरी बातचीत के बाद उक्त महिला ने जो बातें बताईं, उससे साफ हो गया था कि वह अब तक करीब 10 से ज्यादा लोगों से नौकरी के नाम पर पैसा ले चुकी है।
डीबी स्टार के बुलावे पर इस तरह आई पुलिस
प्रभा शर्मा ने डीबी स्टार टीम को पैसा और दस्तावेज लाने के लिए केवल आधे घंटे का समय दिया। इसके पीछे उसने कारण बताया कि वह अभी कुछ ही देर में दिल्ली के लिए रवाना होने वाली है। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए डीबी स्टार टीम ने मौके से कुछ दूरी पर जाकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आदर्श कटियार को इस घालमेल की सूचना दी। जवाब में उन्होंने एसपी योगेश चौधरी को सूचना देने को कहा तो टीम ने तत्काल उन्हें भी सूचना दे दी।
इसके बाद चौधरी ने मामले की जानकारी जहांगीराबाद थाने में दी और टीम ने भी थाना प्रभारी पी.एन. गोयल को पूरा मामला बताया। सूचना मिलने के बाद जहांगीराबाद थाने से एएसआई सुबेश सैयाम के नेतृत्व में प्रधान आरक्षक कोमल सिंह और महिला आरक्षक उर्मिला सिंह के साथ सिविल आरक्षक महेश धाकड़ टीम बनाकर आधे घंटे में मौके पर पहुंच गए। इन्होंने भीड़भाड़ वाले इलाके को देखते हुए पहले सादी वर्दी में आए दोनों आरक्षकों को भेजकर नौकरी वाले मामले की तस्दीक की। इसके बाद मामला कन्फर्म हुआ तो फिर बाकी पुलिसकर्मी भी राधेश्याम यादव के घर में घुस गए और प्रभा शर्मा को गिरफ्तार किया। साथ ही उसके पास मौजूद समस्त दस्तावेज भी अपने कब्जे में ले लिए।
दोनों ही टीम को धमका रही थी प्रभा..
इस दौरान गुस्साई प्रभा शर्मा ने पहले तो पुलिस वालों और डीबी स्टार को ऊपरी पहुंच दिखाकर धमकाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो कहने लगी कि फोटो लेने की कोशिश न की जाए। इसके बाद मोहल्ले के लोग एकत्रित हो गए और प्रभा शर्मा के पीछे-पीछे सड़क तक आए, लेकिन किसी ने भी पुलिस के सामने न तो विरोध जताया और न ही शिकायत की। पुलिस आरक्षक ने जैसे ही प्रभा शर्मा को बाइक पर बिठाया तो उसने अपना मोबाइल व पर्स मांगा और कहा कि वह ऑटो से आएंगी, लेकिन पुलिसकर्मी उसे अपने साथ ले गए।
शर्मा तो शादी के बाद बनी, पहले तो ठाकुर थी पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद प्रभा शर्मा ने कहा कि वह किसी से कोई पैसा लेने नहीं आई थी, बल्कि वह तो अपने भाई-भतीजों से मिलने आई थी। उसने डीबी स्टार टीम को स्टिंग के दौरान बताया था कि उसने लव मैरिज की है और वह मूल रूप से ठाकुर है, लेकिन शर्मा से शादी की, इसलिए अब शर्मा लिखती है। जबकि पुलिस की पूछताछ में प्रभा शर्मा ने खुद को शाजापुर जिले के विवेकानंद नगर का निवासी बताया। उसने यह भी बताया कि पति राजेन्द्र शर्मा की मौत हो चुकी है और उसका मायका रीवा में है।
पत्रकार और नेताओं के विजिटिंग का भी करती है इस्तेमाल
स्टिंग ऑपरेशन के दौरान प्रभा शर्मा ने राधेश्याम यादव को हिदायतउल्ला खां के नाम से एक विजिटिंग कार्ड दिया। विजिटिंग में हिदायतउल्ला खां के नाम के दैनिक कौसर अखबार का नाम और ब्यूरो चीफ रीवा लिखा था। इस विजिटिंग कार्ड की हकीकत जानने के लिए डीबी स्टार ने विजिटिंग में लिखे अखबार के मैनेजर नरेंद्र कुमार त्यागी से संपर्क किया तो उन्होंने साफतौर पर इंकार किया। वे बोले कि न तो हिदायतउल्ला नाम से कोई व्यक्ति हमारे अखबार में काम करता है और न ही रीवा में कार्यालय का कोई ब्यूरो चीफ है।
पहले भी नाम आया है
प्रभा शर्मा जिस तरीके से अभी बेरोजगार युवकों के साथ ठगी कर रही थी, उसी तरह वर्ष 2002/03 में भी उसका नाम सामने आ चुका है। उस समय भी सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर प्रभा ने कई बेरोजगार युवकों के साथ लाखों रुपए की ठगी की थी। प्रभा शर्मा के फर्जीवाड़े के पीड़ित कितने लोग हैं, यह बात तो पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट होगी।
प्रथम दृष्टया में तो यह मामला संदिग्ध ही लग रहा है..
-पी.एन. गोयल/ थाना प्रभारी, जहांगीराबाद थाना
प्रभा शर्मा को फिलहाल गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ कर रहे हैं। ओम नगर में रहने वाले जिस राधेश्याम यादव के घर में ये पकड़ी गई है, उसे भी गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों से गहन पूछताछ कर रहे हैं। वैसे तो मामला प्रथम दृष्टया ही संदिग्ध मालूम होता है। फिर भी सभी पहलुओं पर पूछताछ जारी है(भीमसिंह मीणा/भूपेंद्र,दैनिक भास्कर,भोपाल,17.9.2010)।
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