पंजाब में युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए शिक्षा विभाग ने भी कमर कस ली है। राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को नशों से दूर रखने के लिए अब स्कूल व संस्था की स्टेशनरी के ऊपर तंबाकू विरोधी स्लोगन लिखें जाएंगे। साथ ही स्कूलों तथा शैक्षणिक संस्थाओं के बाहर तंबाकू मुक्त स्कूल के बोर्ड भी लगाए जाएंगे।
विभाग का मानना है कि बच्चों को स्कूली स्तर पर ही नशों से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि वह जीवन में आगे इन नशों से होने वाले दुष्प्रभावों से बचे रह सकें। इस संबंध में सेहत तथा परिवार भलाई मंत्रालय की ओर से तंबाकू मुक्त स्कूल व शिक्षण संस्थाओं को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विभाग की ओर से यह आदेश आगे सभी जिला शिक्षा अधिकारियों तथा सभी स्कूल प्रिंसिपलों व स्कूल मुखियों को जारी कर दिए गए हैं।
डीजीएसई कृष्ण कुमार के अनुसार मंत्रालय की ओर से जारी किए आदेशों में अब स्कूल व संस्था के मुख्य द्वार की बाहरी दीवार पर तंबाकू मुक्त स्कूल या तंबाकू मुक्त संस्था का बोर्ड लगाया जाएगा। साथ ही स्कूल तथा शैक्षणिक संस्थाओं के अंदर तथा बाहर इस संबंधी जरूरी संकेत दर्शाएं जाएंगे। नए आदेशों के तहत स्कूल कैंपस के अंदर कोई भी विद्यार्थी, अध्यापक, स्कूल स्टॉफ तथा बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेगा।
स्कूल कैंपस के अंदर नो स्मोकिंग एरिया तथा सिगरेट पीना एक अपराध है के बोर्ड भी लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त तंबाकू के सेहत पर पडऩे वाले बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी देने के लिए स्कूलों के अंदर पोस्टर भी लगाए जाएंगे ताकि बच्चे उनसे जागरुक हो सकें। डीजीएसई के अनुसार स्कूल तथा संस्था के प्रिंसिपल तथा मुखी के पास तंबाकू उत्पादों संबंधी कानून एक्ट (सीओटीपीए 2003) की कापी भी होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त स्कूल के बच्चों, अध्यापकों तथा अन्य स्टॉफ की ओर से तंबाकू विरोधी किए जा रहे कार्यों को उत्साहित करते हुए स्कूल प्रिंसिपल की ओर उन्हें प्रशंसा पत्र तथा अवार्ड भी दिए जा सकते हैं(असीम जैन,लुधियाना,दैनिक भास्कर,17.9.2010)।
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