रोजगारपरक कोर्सों में दाखिले के लिए जहां एक तरफ छात्रों के बीच आपाधापी मची रहती है। वहीं, गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय की सीटें भर नहीं रही है । यह आलम तो तब है जबकि आई पीयू की दो काउंसलिंग खत्म हो चुकी है । विवि प्रशासन द्वारा सीटों को भरने की लाख कवायद के बाद सीटें खाली हैं । विवि के दो महत्वपूर्ण कोर्स बीबीए और बीटेक की काउंसलिंग को 25 सितंबर तक पूरा करने का दावा किया गया है । आईपीयू में दूसरी काउंसिलिंग का आयोजन कर सीटों को भरने की योजना बनाई गई, मगर विश्वविद्यालय की इन योजनाओं पर तब पानी फिर गया जब दूसरी काउंसलिंग खत्म होने के बाद भी कई कोर्सों में सीटें खाली हैं। बीबीए में अभी करीब1900 सीटें बची हुई हैं । हालांकि प्रशासन इसे एआईसीटीई से मान्यता मिलने में देरी का हवाला देकर बचने की कोशिश कर रहा है । ज्ञात हो कि विवि प्रशासन सीटों को भरने के लिए दूसरी काउंसलिंग खत्म होने के बाद ओपन हाऊस काउंसिलिंग का सहारा लिया था। बीसीए की दूसरी काउंसिलिंग होने के बाद लगभग 470 सीटें जब बच गईं तो प्रशासन ने ओपन काउंसिलिंग का सहारा लिया, लेकिन इसके बाद भी करीब 450 के करीब सीटें शेष बच गई हैं। बीजेएमसी में भी काफी सीटें बच गई हैं । सीटों को शेष बचने की वजह से आईपीयू से मान्यता प्राप्त कॉलेजों ने एक फोरम बनाकर विवि प्रशासन से सीटों को भरने की मांग कर रहा है(हिंदुस्तान,दिल्ली,18.9.2010) ।
एम.सी.ए. की क्या स्थिति है?
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
फ़ुरसत में … हिन्दी दिवस कुछ तू-तू मैं-मैं, कुछ मन की बातें और दो क्षणिकाएं, मनोज कुमार, द्वारा “मनोज” पर, पढिए!