कौड़ियों के भाव जमीन पाने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के दाखिलों में आनकानी करने वाले स्कूलों की मान्यता अब रद्द हो सकती है । इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने कमर कस ली है । शिक्षा निदेशालय की तरफ से इस दिशा में निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कोई भी स्कू ल आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा से वंचित न करें । शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि स्कूलों में उनका दाखिला करने की अपनी जिम्मेदारी से बचने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द हो सकती है। राजधानी में सरकारी जमीन पर निजी स्कूल चलाने वाले ऐसे स्कूलों के लिए शिक्षा निदेशालय ने अपने निर्देश को दोबारा जारी किया है । निदेशालय ने सर्कुलर जारी कर सभी संबंधित स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपने यहां गरीब बच्चों को दाखिला देने के नियम की सख्ती से पालन करें और इसमें किसी भी तरह की कोताही न बरतें। साथ ही निदेशालय ने यह भी कहा है कि जिन निजी स्कूलों में 15 फीसदी गरीब बच्चों को दाखिला नहीं दिया जाएगा उस स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। शिक्षा निदेशालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि निदेशालय की ओर से 25 पब्लिक स्कूलों को फर्जी सूची में रखा गया है । इन स्कूलों में दाखिले के दौरान अनियमितता बरतने की शिकायत पायी गई थी। गौर करने वाली बात यह है कि इससे पहले शिक्षा निदेशालय की तरफ से स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर भी सर्कु लर जारी किया गया था। बावजूद इसके निजी स्कूलों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा था। ऐसे में सवाल उठता है कि अब गरीब बच्चों के दाखिले को लेकर जारी किए गए सर्कुलर का असर कितना पड़ेगा(हिंदुस्तान,दिल्ली,18.9.2010)।
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